आगरा: एत्मादपुर के खंदौली रोड स्थित योगी राज क्लासेज एवं दिव्य योगा संस्थान के डायरेक्टर योगीराज धाकरे ने घर पर रहकर 'विश्व पृथ्वी दिवस' को पेंटिंग बनाकर उसके महत्व को समझाया.
आगरा: पेंटिंग के माध्यम से समझाया पृथ्वी दिवस का महत्व - 22 अप्रैल को मनाया जाता है विश्व पृथ्वी दिवस
यूपी के आगरा में दिव्य योगा संस्थान के डायरेक्टर ने पेंटिंग के माध्यम से पृथ्वी दिवस का महत्व समझाया. उन्होंने कहा ग्लोबल वार्मिंग के रूप में जो परिदृश्य आज हमारे सामने है, ऐसा लगातार बना रहा तो एक दिन ऐसा आएगा, जब पृथ्वी से जीव-जंतु और वनस्पति का अस्तित्व ही समाप्त हो जाएगा.
विश्वभर में 22 अप्रैल को पर्यावरण चेतना के लिए पृथ्वी दिवस मनाया जाएगा, लेकिन अब ऐसा लगता है कि यह महज औपचारिकता से ज्यादा कुछ नहीं है. ग्लोबल वार्मिंग के रूप में जो परिदृश्य आज हमारे सामने है, ऐसा लगातार बना रहा तो एक दिन ऐसा आएगा जब पृथ्वी से जीव-जंतु और वनस्पति का अस्तित्व ही समाप्त हो जाएगा. लोगों को पर्यावरण के प्रति संवेदनशील बनाने के उद्देश्य से पूरे विश्व में 22 अप्रैल 1970 को पहली बार पृथ्वी दिवस का आयोजन किया गया था.
बढ़ती जनसंख्या का दबाव
वर्तमान समय में पृथ्वी के सामने सबसे बड़ी चुनौती बढ़ती जनसंख्या है. पृथ्वी की कुल आबादी आज साढ़े सात अरब से अधिक हो चुकी है. यह प्रकृति का सिद्धांत है कि आबादी का विस्फोट उपलब्ध संसाधनों पर नकारात्मक दबाव डालता है, जिससे पृथ्वी की नैसर्गिकता प्रभावित होती है. बढ़ती जनसंख्या की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए पृथ्वी के दोहन की सीमा आज चरम पर पहुंच चुकी है. जलवायु परिवर्तन के खतरे को कम से कम करना दूसरी सबसे बड़ी चुनौती है.
26 हजार 500 से अधिक प्रजातियों के विलुप्त होने का खतरा
अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) ने विलुप्त होने के कगार पर खड़े जीव-जंतुओं की जो सूची जारी की है, उसके अनुसार, 26 हजार 500 से अधिक प्रजातियों के विलुप्त होने का खतरा है, जिनमें 40% उभयचर, 34% शंकुधारी, 33% कोरल रीफ, 25% स्तनधारी और 14% पक्षी हैं.