आगरा:खंदारी के जेपी नगर में रहने वाली कमलेश अपने 5 बच्चों के साथ टीन शेड के नीचे रहने को मजबूर हैं. पति के देहांत के बाद उनसे उनका हाल पूछने वाला कोई नहीं है. पति के गुजर जाने के बाद दो वक्त की रोटी कैसे मिलेगी, यही बात सोच कर कमलेश का रो-रोकर बुरा हाल है. कमलेश कहती हैं कि अभी तो चलो पड़ोसियों ने मदद कर दी, लेकिन आगे क्या होगा. आज तक उन्हें किसी भी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिला.
सरकारी योजनाओं से वंचित है यह परिवार. इलाज के लिए नहीं थे पैसे, पड़ोसियों ने की मदद
कोरोना में न जाने कितनों के रोजगार चले गए. दिहाड़ी मजदूर भी घर पर बैठने को मजबूर हो गए. उनमें से एक राकेश भी थे. राकेश रिक्शा चलाकर अपने परिवार का गुजारा करते थे, लेकिन कोरोना की वजह उनकी रोज की आमदनी भी खत्म हो गई थी. रखा हुआ पैसा भी खत्म हो गया था, जिस वजह से अचानक तबीयत खराब होने पर राकेश की पत्नी के पास पैसा भी नहीं था. इस मौके पर पड़ोसी मदद के लिए आगे आए.
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पड़ोसियों ने जब देखा कि राकेश की तबीयत खराब है और पैसे भी नहीं है तो उन्होंने पैसे इकट्ठा कर राकेश का इलाज कराया. वहीं जब राकेश की मौत हो गई तो सगे सम्बन्धी भी मुंह फेर लिए. ऐसे समय में फिर पड़ोसियों ने मानवता की मिसाल पेश करते हुए राकेश के शव को कंधा दिया और दाह संस्कार भी कराया.
सरकारी योजना का आज तक नहीं मिला कोई लाभ
कमलेश ने बताया कि उनके पास न आधार कार्ड है और न ही राशन कार्ड. आज तक किसी भी सरकारी योजना का लाभ उन्हें नहीं मिला है. एक कमरा है, वह भी धरती में धंसा हुआ है. तिरपाल डालकर छोटी सी जगह में पूरा परिवार गुजारा करता है. कई बार सरकारी योजनाओं के लिए फॉर्म भरा गया, लेकिन लाभ नहीं मिला. पति की मौत के बाद अब पांच बच्चों की परवरिश उन्हें ही करनी है. यह कैसे होगा, यह तो वह ही जानती हैं.