आगरा : जिले से सटे 10 गांवों की गलियों में ऐसे ही सन्नाटा है. दर्जनों घर पर ताले लटके हैं. यहां पर रहने वाले बच्चे, महिला, युवा और बुजुर्ग सब गायब हैं. गांवों में पीएसी तैनात हैं, जबकि, रात में पुलिस का धरपकड़ अभियान चलता है. जी हां, हम बात कर रहे हैं, गांव करभना के ट्रैक्टर चालक पवन की मौत के बाद हुई आगरा हिंसा की. जिसमें उपद्रवियों ने पुलिस की पिटाई के साथ तोरा पुलिस चौकी फूंक दी थी. अब इस मामले में पुलिस ने वीडियो और फोटो से उपद्रवियों की पहचान करके उनकी धरपकड़ का अभियान चलाया है. इससे लगभन 500 ग्रामीण अपने घरों से फरार हो गए हैं. इनमें नौजवानों की संख्या ज्यादा है.
आगरा हिंसा के बाद पुलिस महकमा में खलबली मची हुई है. एसएसपी बबलू कुमार ने ताजगंज इंस्पेक्टर नरेंद्र कुमार, तोरा पुलिस चैकी प्रभारी मनोज पंवार सहित दो सिपाहियों को निलंबित कर दिया. जबकि, तोरा पुलिस चौकी के साथ सिपाही भी लाइन हाजिर किए गए हैं. इतना ही नहीं, बवाल में अपनी जान बचाकर ऑटो से भागे सीओ सदर महेश कुमार का भी तबादला कर दिया गया है. वहीं अब पुलिस ने उपद्रवियों की तलाशी का अभियान शुरू कर दिया है.
यह है मामला
31 दिसंबर 2020 की सुबह गांव करभना निवासी पवन कुमार ट्रैक्टर-ट्राली में यमुना से अवैध खनन की बालू लेकर जा रहा था. आरोप है कि रास्ते में तोरा चौकी के सिपाहियों ने अवैध वसूली के मकसद से ट्रैक्टर रोकने का प्रयास किया था. पवन ने ट्रैक्टर तेजी से भगाया, जिससे वह बेकाबू होकर पलट गया. इसके नीचे दब कर पवन की मौत हो गई थी. इस पर परिजन और ग्रामीणों ने फतेहाबाद रोड पर शांति मांगलिक अस्पताल के सामने जमकर बवाल किया था. उग्र लोगों ने पुलिसकर्मियों की पिटाई कर दी और तोरा चौकी के आगे शव रखकर जाम लगा दिया था. इस बवाल में आक्रोशित भीड़ ने पुलिस चौकी में आग लगा दी थी. साथ ही वहां खडे़ वाहनों को भी फूंक दिया था. इसमें पुलिस ने उपद्रवियों के खिलाफ दो मुकदमे दर्ज किए हैं.
यूं हो रही उपद्रवियों की तलाश
आगरा हिंसा के उपद्रवियों की तलाश में पुलिस दो तरीके से लगी हुई है. आरोपियों की पहचान के लिए पहले बवाल के फोटो और वीडियो देखे जा रहे हैं. इससे भी तमाम उपद्रवी चिह्नित हो गए हैं. इनकी पहचान पुलिस ने प्रधान और चौकीदारों से कराई है. इसके बाद दूसरा तरीका पुलिस का मोबाइल सर्विलांस है, जिसके सहारे आरोपियों का लोकेशन पता कर उन्हें पकड़ा जाएगा.
गांव छोड़कर भागे किसान
करभना निवासी कप्तान सिंह यादव बताते हैं कि, पुलिस की दबिश के चलते किसान भी घर छोड़कर भाग गए हैं. सभी को पुलिस का डर है. कहीं उन्हें दबोच कर पुलिस जेल न भेज दे. इसलिए किसान घर पर नहीं आ रहे हैं. गांव में सभी लोग पुलिस की दबिश से दहशत में हैं.