आगरा: ताजनगरी में वन विभाग अब हाइटेक नर्सरी में बृज क्षेत्र से विलुप्त पेड़ों की पौध तैयार कर रहा है. विभाग ने आगरा और बृज क्षेत्र में हरियाली का दायरा बढ़ाने के लिए एक पहल की है. विभाग की हाइटेक नर्सरी में तापमान नियंत्रित करके 12 से ज्यादा प्रजातियों के बीज बोए गए हैं. यह हाइटेक नर्सरी ऑटोमेटिक है. इसमें एक बार में करीब आठ हजार पौधे उगाए जा सकते हैं, जिसमें कदंब, मौलश्री, तमाल, पाखड़, रिंजा, किन्नी, करील, अकील, पीलू, कन्नेर, सागौन, चिलमिल अनार, अलमतास, आंवला और अन्य प्रजातियों के पौधे हैं.
विलुप्त पौधों को बचायेगा अब हाइटेक नर्सरी, वन विभाग ने की पहल - विलुप्त पेड़ों की पौध तैयार
विलुप्त हो रहे पौधों को बचाने के लिए आगरा वन विभाग हाइटेक नर्सरी तैयार कर रहा है. इस नर्सरी में दुर्लभ प्रजातियां के अलावा 12 से ज्यादा प्रजातियों के बीज बोए गए हैं. इस नर्सरी में एक बार में करीब आठ हजार पौधे उगाए जा सकते हैं.
नर्सरी में मिल मिलेंगी दुर्लभ प्रजातियां
वन विभाग की हाइटेक नर्सरी का आकार 800 वर्ग फीट है. इसमें लोहे के फ्रेम लगाए गए हैं. इस फ्रेम में बीज बोने के लिए प्लास्टिक के कप हैं. बीज को ऑर्गेनिक खाद से तैयार मिट्टी, वर्मीकुलाइट और सॉइलाराइट के मिश्रण का उपयोग किया जाता है. वन विभाग की हाइटेक नर्सरी में एक बार फिर कान्हा के कदम सहित अन्य तमाम विलुप्त हो रहे स्थानीय प्रजातियों के पेड़ों की पौध उगाई जा रही हैं.
एक बार में यहां करीब 8000 पौधे तैयार किए जा सकते हैं. हमारी यह प्राथमिकता है कि जो लोकल प्रजाति के पौधे हैं, आगरा और ब्रज क्षेत्र में पाए जाते हैं, जो विलुप्त होने कीेकगार पर हैं. इसे कदंब, मौलश्री, तमाल, पाखड़, रिंजा, किन्नी, करील के पौधे शामिल हैं.
मनीष मित्तल, डीएफओ, सामाजिक वानिकी