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विलुप्त पौधों को बचायेगा अब हाइटेक नर्सरी, वन विभाग ने की पहल - विलुप्त पेड़ों की पौध तैयार

विलुप्त हो रहे पौधों को बचाने के लिए आगरा वन विभाग हाइटेक नर्सरी तैयार कर रहा है. इस नर्सरी में दुर्लभ प्रजातियां के अलावा 12 से ज्यादा प्रजातियों के बीज बोए गए हैं. इस नर्सरी में एक बार में करीब आठ हजार पौधे उगाए जा सकते हैं.

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एक बार में उगाए जा सकते हैं आठ हजार पौधे.

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Published : Feb 10, 2020, 10:58 AM IST

आगरा: ताजनगरी में वन विभाग अब हाइटेक नर्सरी में बृज क्षेत्र से विलुप्त पेड़ों की पौध तैयार कर रहा है. विभाग ने आगरा और बृज क्षेत्र में हरियाली का दायरा बढ़ाने के लिए एक पहल की है. विभाग की हाइटेक नर्सरी में तापमान नियंत्रित करके 12 से ज्यादा प्रजातियों के बीज बोए गए हैं. यह हाइटेक नर्सरी ऑटोमेटिक है. इसमें एक बार में करीब आठ हजार पौधे उगाए जा सकते हैं, जिसमें कदंब, मौलश्री, तमाल, पाखड़, रिंजा, किन्नी, करील, अकील, पीलू, कन्नेर, सागौन, चिलमिल अनार, अलमतास, आंवला और अन्य प्रजातियों के पौधे हैं.

विलुप्त पौधों को बचाने की पहल.
गर्मियों में आगरा का तापमान 50 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है. ऐसे में वन विभाग को नर्सरी में पौध तैयार करना मुश्किल हो जाता है. वन विभाग की शिल्पग्राम रोड पर ताजमहल के पूर्वी गेट से 500 मीटर दूर कार्यलय के सामने नर्सरी है. यहीं पर वन विभाग ने करीब पांच लाख रुपये में हाइटेक नर्सरी बनाई गई है, जिसमें अभी से पौध तैयार करना शुरू कर दिया गया है.विलुप्त पौधों को बचाने की पहलवन विभाग को पौधरोपण के समय स्थानीय प्रजाति के पौधे उपलब्ध नहीं होते थे. ताजनगरी में तापमान अधिक होने की वजह से इन पौधों को उगाना मुश्किल हो रहा था. इसके चलते विभाग को बाहरी पौधे मंगाकर लगाने पड़ते हैं, जबकि बृज क्षेत्र में धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत से जुड़े पेड़ों के पौधों को लगाने की डिमांड ज्यादा रहती है. इसलिए विभाग ने बृज क्षेत्र में पाए जाने वाले विलुप्त स्थानीय पेड़ों की पौध तैयार करने के लिए हाइटेक नर्सरी तैयार की.ऑटोमेटिक तापमान और नमी नियंत्रितवन रक्षक सुरेंद्र सिंह सिकरवार ने बताया कि इस हाइटेक नर्सरी में कई प्रकार की वैरायटी बोई गई हैं. जब यह अंकुरण करेंगी तो इस हाइटेक नर्सरी में ऑटोमेटिक तापमान और नमी नियंत्रित होगी, क्योंकि इसमें दो बड़े कूलर के साथ ही 21 फव्वारे लगाए गए हैं, जो ऑटोमेटिक चलेंगे. इससे इस नर्सरी का तापमान और नमी को नियंत्रित में किया जा सकेगा. इस नर्सरी का अधिकतम तापमान 32 डिग्री सेल्सियस ही रहेगा.एक बार में उगाए जा सकते हैं आठ हजार पौधेडीएफओ सामाजिक वानिकी मनीष मित्तल ने बताया कि हाइटेक नर्सरी 40/20 फीट क्षेत्रफल में बनाई गई है. इसमें तापमान और ह्यूमिडिटी कंट्रोल करने की व्यवस्था की गई है, जिसमें वाटर फैन और एग्जॉस्ट फैन भी लगाए गए हैं. इसमें रूट ट्रेनर की मदद से पौध तैयार की जाएगी. रूट ट्रेनर जमीन से करीब ढाई मीटर की ऊंचाई पर रखे जाते हैं. इसमें वर्मीकुलाइट और सॉइलाराइट का मिश्रण उपयोग करते हैं.


नर्सरी में मिल मिलेंगी दुर्लभ प्रजातियां
वन विभाग की हाइटेक नर्सरी का आकार 800 वर्ग फीट है. इसमें लोहे के फ्रेम लगाए गए हैं. इस फ्रेम में बीज बोने के लिए प्लास्टिक के कप हैं. बीज को ऑर्गेनिक खाद से तैयार मिट्टी, वर्मीकुलाइट और सॉइलाराइट के मिश्रण का उपयोग किया जाता है. वन विभाग की हाइटेक नर्सरी में एक बार फिर कान्हा के कदम सहित अन्य तमाम विलुप्त हो रहे स्थानीय प्रजातियों के पेड़ों की पौध उगाई जा रही हैं.

एक बार में यहां करीब 8000 पौधे तैयार किए जा सकते हैं. हमारी यह प्राथमिकता है कि जो लोकल प्रजाति के पौधे हैं, आगरा और ब्रज क्षेत्र में पाए जाते हैं, जो विलुप्त होने कीेकगार पर हैं. इसे कदंब, मौलश्री, तमाल, पाखड़, रिंजा, किन्नी, करील के पौधे शामिल हैं.
मनीष मित्तल, डीएफओ, सामाजिक वानिकी

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