आगरा: इलाहाबाद हाईकोर्ट में बुधवार को दयालबाग बवाल के मामले में राधा स्वामी सत्संग सभा की याचिका पर सुनवाई हुई. राज्य सरकार की तरफ से हाईकोर्ट ने कहा कि याची ने सरकारी जमीन पर अतिक्रमण किया है. जिस पर नियमानुसार कार्रवाई की गई है. उधर, याची का कहना है कि प्रशासन जिस जमीन को जबरन खाली कर रहा है, वो राधा स्वामी सत्संग सभा के नाम से ही है. पुलिस और प्रशासन ने मनमाने तरीके से न सिर्फ बुलडोजर चलाया. बल्कि, सत्संगियों पर लाठीचार्ज भी किया. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 5 अक्टूबर 2023 तक यथास्थिति बरकरार रखने का निर्देश दिया है. अगली सुनवाई 5 अक्टूबर को होगी.
सत्संगियों पर पुलिस ने बरसाए थे डंडे
इसे भी पढ़े-दयालबाग में बवाल के बाद हाईकोर्ट पहुंचे सत्संगी, हाईकोर्ट ने मांगा जवाब, दो दिन टला ध्वस्तीकरण
राज्य सरकार ने रखा अपना पक्ष:राधा स्वामी सत्संग सभा की ओर से दाखिल याचिका पर बुधवार को जस्टिस मनीष कुमार निगम की सिंगल बेंच में सुनवाई हुई. सुनवाई में राज्य सरकार की तरफ से कहा गया कि याची राधा स्वामी सत्संग सभा ने सरकारी जमीन पर अतिक्रमण किया है. रास्ता भी बंद कर दिया है. सरकारी जमीन को नियमानुसार खाली कराने के लिए कार्रवाई की गई है. राज्य सरकार की ओर से चकबंदी समेत अन्य दस्तावेज भी दाखिल किए गए हैं. सरकार की ओर से भी खसरा खतौनी के अलावा अन्य राजस्व रिकॉर्ड और दो दर्जन से ज्यादा पेजों का जवाब लगाया गया है. प्रशासन की कार्रवाई के दौरान पुलिस के साथ हुई मारपीट के फोटोग्राफ भी लगाए गए हैं.
राधा स्वामी सत्संग ये रखा पक्ष:उधर, याची का कहना है कि प्रशासन जिस जमीन को जबरन खाली कर रहा है. वो जमीन राधा स्वामी सत्संग सभा के नाम से ही है. प्रशासन ने मनमाने तरीके से कार्रवाई की है. सिर्फ बुलडोजर चलाया, इतना ही नहीं, सत्संगियों पर लाठीचार्ज भी किया है. याची की ओर से हाईकोर्ट में दाखिल याचिका में वर्ष 1935 से 2012 तक हुए सभी एग्रीमेंट, लीज, डीड और आदेशों की कॉपी लगाई गई है. इसके साथ ही 19 सितंबर 2023 को तहसीलदार के नोटिस का जबाब भी लगाया गया है. संबंधित भूखंडों के राजस्व रिकॉर्ड को भी याचिका में शामिल किया गया है.
24 सितंबर को पथराव और लाठी चार्ज हुआ थाःबता दें कि सरकारी जमीन खाली कराने के दौरान 24 सितंबर 2023 को हिंसा हुई थी. पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई पर सत्संगियों की तरफ से पथराव और लाठीचार्ज किया गया था. पथराव और लाठीचार्ज में दर्जनों लोग घायल हुए थे. जिसमें पुकिसकर्मी और सत्संगी शामिल हैं. इसके बाद इस मामले में सोमवार को हाईकोर्ट में मेंशन किया गया था. जिस पर चीफ जस्टिस ने मामला 27 सितंबर को सुनवाई के लिए नियमित बेंच के समक्ष भेज दिया था. साथ ही मौखिक रूप से प्रशासन को तब तक कार्रवाई से रोक दिया था.
यह भी पढ़े-Lathicharge in Agra : सत्संगियों पर पुलिस ने बरसाए डंडे, 20 से अधिक पुलिसकर्मी भी घायल, छतों से पत्थरबाजी