आगराःयोगी सरकार ने यूपी की जेलों के बंदी और कैदियों को आध्यात्म और आराधना से जोड़ने की पहल की, जिससे बंदी और कैदी अपराध से दूर रहें और उनका मन भी नहीं भटके. शांत मन और मस्तिष्क से खुद के साथ परिवार और समाज के बारे में सोचें, जिससे जेलों में हनुमान चालीसा और गायत्री मंत्र की शुरुआत हुई. अब यूपी की जेलों में संतों के प्रवचन के साथ ही रामचरितमानस की चौपाई, श्रीमदभागवत के श्लोक और गीता का सार गूंजने लगा है. आगरा सेंट्रल जेल में जहां श्रीमद्भागवत कथा चल रही है, तो आगरा जिला जेल में भी अन्य तमाम संगठनों की ओर से प्रवचन कराए जा रहे हैं.
बता दें कि योगी सरकार 2.0 में कारागार मंत्री धर्मवीर प्रजापति बने हैं. उनके मंत्री बनने के बाद लगातार जेलों में नवाचार किए जा रहे हैं. यूपी की जेलों में बंदी गौकाष्ठ बन रहे हैं तो होली पर हर्बल गुलाल भी बना रहे हैं. इतना ही नहीं, यूपी की जेलों के हुनरमंद बंदी और कैदियों के बनाए फर्नीचर, कपड़े, बल्ला, गेंद समेत अन्य उत्पाद की डिमांड है. इसके साथ ही अब यूपी की जेलों में संतों के प्रवचन गूंज रहे हैं.
रामचरितमानस की चौपाई, श्रीमद्भागवत के श्लोक गूंजते हैं, जिन्हें बंदी और कैदी बड़ी तल्लीलता से सुनते हैं. इससे जेलों का माहौल बदल रहा है. सरकार की मंशा है कि, सजा के बाद जब बंदी और कैदी बाहर जाएं तो अपराध की राह न पकडें. उनका हृदय बदल जाए. अपराध को छोडकर समाज के लिए काम करें.
बंदी और कैदियों से संवाद कर परिवार से किया कनेक्ट
कारागार मंत्री धर्मवीर प्रजापति का कहना है कि, जब मैं जेल में पहली बार गया और जब बार-बार जेलों में जाना हुआ तो पता चला कि, जेलों में 40 साल तक की उम्र 80 प्रतिशत बंदी और कैदी हैं. सबसे ज्यादा गरीब बंदी और कैदी हैं. इसलिए सबसे पहले मैंने बंदी और कैदियों से संवाद किया. उनकी बात जानी. कैसे यहां पर आए. अपराध की राह क्यों पकडी. ऐसे ही तमाम बिंदुओं पर उनसे चर्चा की. इसके बाद उन्हें परिवार से कनेक्ट किया. इसके बाद बंदी और कैदियों को आध्यात्म से जोड़ा. यूपी की जेलों में हनुमान चालीसा और गायत्री मंत्र का पाठ शुरू किया गया, जिसका रेस्पांस बेहतर रहा.