आगरा:उत्तर प्रदेश के आगरा जनपद में पानी की समस्या को लेकर आए दिन ताज नगरी आगरा में अलग-अलग वार्डों में प्रदर्शन होते रहते हैं. कोई थालीपीट कर प्रदर्शन करता है तो कोई मटका फोड़ कर, लेकिन समस्या शहरवासियों की ज्यो की त्यों बनी रहती है. आगरा में 25 लाख से भी ज्यादा की जनसंख्या है. जहां वर्तमान जलकल विभाग की वर्तमान आबादी के हिसाब से सप्लाई का आंकड़ा देखें तो प्रतिदिन प्रत्येक व्यक्ति करीब 150 लीटर पानी चाहिए होता है. इस हिसाब से लाखों की आबादी वाले शहर में लोगों को 370.5 एमएलडी पेयजल की डिमांड है. यमुना नदी दिन पर दिन सूखती जा रही हैं. यमुना का जलस्तर लगातार गिरने के कारण पीने का पानी योग्य नहीं रहा.
सूखी पड़ी यमुना की तलहटी, फिर काहे का जल दिवस
यमुना नदी का पानी दिन पर दिन सूखता जा रहा है. विशेषज्ञों की माने तो ताज नगरी आगरा में आने वाले समय में रेगिस्तान जैसी स्थिति बन जाएगी. आगरा में 25 लाख से भी ज्यादा की जनसंख्या है. जहां वर्तमान जलकल विभाग की वर्तमान आबादी के हिसाब से सप्लाई का आंकड़ा देखें तो प्रतिदिन प्रत्येक व्यक्ति करीब 150 लीटर पानी चाहिए होता है.
सूखी पड़ी यमुना की तलहटी
जल निगम के मुंख्य अभियंता आरके शर्मा ने बताया कि लगातार भूजल स्तर गिरने से व यमुना नदी में पानी कम होने से आने वाले समय में जल संकट मंडरा रहा है. पानी को बचाने के लिए वॉटर हार्वेस्टिंग, चेक डेम व तालाब जगह-जगह बनवाएं जिससे गिरते हुए जल स्तर में सुधार की उम्मीद है.