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आगरा: बीते पांच वर्षों में दो गुना हुआ एच आई वी मामलों का ग्राफ

यूपी के आगरा में बीते पांच वर्षों में एचआईवी मामलों का ग्राफ दो गुना हो गया है. समलैंगिकता ओर संक्रमित इंजेक्शन का पुनः उपयोग एच आई वी के मुख्य कारण हैं. जिले में एचआईवी मरीजों की बढ़ती संख्या स्वास्थ्य विभाग के लिए चिंता का विषय बनी हुई है.

दो गुना हुआ एच आई वी मामलों का ग्राफ
दो गुना हुआ एच आई वी मामलों का ग्राफ

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Published : Mar 22, 2021, 2:19 PM IST

आगरा:ताजनगरी में कोरोना के मामलों के बाद एचआईवी जैसी घातक बीमारी ने भी अपने पैर पसार लिए हैं. एस एन मेडिकल कॉलेज के एआरटी विभाग द्वारा जारी किए गए ताजा आंकड़ो से इसकी पुष्टि हुई है. इन आंकड़ों के मुताबिक, एचआईवी के अधिकतर संक्रमित मरीज 25 से 35 वर्ष के युवा हैं, जिनकी संख्या लगातार बढ़ती जा रही है.

दो गुना हुआ एच आई वी मामलों का ग्राफ
एआरटी विभाग के ताजा आंकड़े
कारण 2016-2021 अब तक बढ़ोतरी
समलैगिंकता 59-153 94 मामले
संक्रमित सुई 161-331 170 मामले
संक्रमित रक्त 189-476 287 मामले
असुरक्षित यौन संबंध 2916-5690 2774 मामले
सक्रिय मरीज 2916-4381 1465 मामले
कुल पंजीकृत मामले 5978-10870 1465 मामले


समलैंगिकता ओर संक्रमित सुई(इंजेक्शन) एचआईवी के मुख्य स्रोत
एस एन मेडिकल कॉलेज के एआरटी विभाग के ताजा सर्वे की रिपोर्ट में समलैगिंक रिश्ते और संक्रमित सुई (इंजेक्शन) एच आई वी होने के मुख्य घटक हैं. लगातार इन्ही वजहों से एच आई वी जैसी बीमारी में उछाल देखने को मिल रहा है.


25 से 35 वर्षीय लोग ज्यादा संक्रमित
एच आई वी संक्रमण रोगियों में ज्यादातर मरीज 25 से 35 वर्षीय लोग पाए गए हैं. जिनका ग्राफ बढ़ा है. लगतार मॉनिटरिंग के बाद भी युवा इस घातक रोग की जद में आ रहे हैं.

नशे की लत के कारण फैलता एच आई वी
आगरा के युवा नशे के आगोश में डूबने के लिए इंजेक्टिड सामग्री का उपयोग करते हैं. जिसमें सुई(इंजेक्शन) का इस्तेमाल होता है. ऐसे में वह एक सुई को पुनः उपयोग में लाकर अपनी जान से खिलवाड़ करते हैं. बार-बार सुई के इस्तेमाल से एच आई वी संक्रमण होने का खतरा बढ़ जाता है, लेकिन नशे के लिए युवा जीवन दांव पर लगाने पर आमादा हैं.

विभाग लगातार चला रहा है जागरूकता अभियान
ए आर टी विभाग के डॉक्टरों ने बताया कि एच आई वी बीमारी को लेकर समाज में कई तरह के मतभेद हैं. लोग जल्दी से इस बीमारी को लेकर संवेदनशील हो जाते हैं. डॉक्टर के पास जाने से हिचकते हैं. समाज से दूरी बना लेते हैं. ऐसे में लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए विभाग आगरा के देहातों से लेकर शहरी सीमाओं में घर-घर जाकर लोगों को जागरूक करने का काम कर रहा है. विभागीय काउंसलर लगातार लोगों को मानसिक तौर पर मजबूत कर रहे हैं. वहीं इसके सफल इलाज के प्रति लोगों को जागरूक करने में जुटे हैं.

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