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फेसबुक और इंस्ट्राग्राम पर फर्जीवाड़ा कर नौकरी दिलाने वाले गिरोह का पर्दाफाश

उत्तर प्रदेश के आगरा से साइबर सेल और पुलिस ने फर्जीवाड़ा कर नौकरी दिलाने वाले गिरोह को धर दबोचा है. ये गैंग पिछले दो साल से हरिद्वार में सक्रिय था. हाल ही में यह आगरा में अपनी जड़े जमाने की कोशिश में था.

साइबर सेल और पुलिस ने फर्जी गिरोह को गिरफ्तार किया.

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Published : Aug 17, 2019, 7:11 PM IST

आगरा: अगर आप बेरोजगार हैं और फेसबुक, इंस्ट्राग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर दिख रहे नौकरी के विज्ञापनों को देखकर किस्मत आजमाने का विचार कर रहे हैं, तो सावधान हो जाइए. क्योंकि आप फर्जीवाड़े का शिकार हो सकते हैं. शनिवार को आगरा पुलिस ने ऐसे ही एक गैंग का खुलासा किया है जो सोशल मीडिया पर नामी कंपनियों के नकली विज्ञापन डालता था और फिर उन्हें शेयर करवाता था. जो भी लोग उन विज्ञापनों के चक्कर में फंसते थे, उनसे पैसे ऐंठ कर अपनी आईडी बन्द कर देते थे. गिरोह में तीन युवक और एक युवती शामिल है, जिन्हें जेल भेजा गया है.

साइबर सेल और पुलिस ने फर्जी गिरोह को गिरफ्तार किया.

फर्जीवाड़ा करने वाले गिरोह का भंडाफोड़

  • सोशल मीडिया पर फ्रॉड कर नौकरी दिलाने वाले गिरोह का पर्दाफाश.
  • गेल, एनटीपीसी, एयरपोर्ट अथार्टी, हीरो मोटरकार्प आदि तमाम कम्पनियों के विज्ञापन सोशल मीडिया पर शेयर करते थे.
  • विज्ञापन देखकर लोग दिये गये नंबर पर बात कर नौकरी पाने के लिए फर्जीवाड़े का शिकार हुए.
  • पीड़ितों ने धोखाधड़ी कर 60-60 हजार रुपये ले लेने की शिकायत साइबर सेल से की थी.
  • साइबर सेल ने जांच शुरू की तो उक्त विज्ञापनों के अधिकांश पते फर्जी पाए गए.
  • पैसे ट्रांसफर करने वाले अधिकतर खाते हरिद्वार उत्तराखंड से ऑपरेट होते दिखे और दो खाते आगरा से चलते मिले.
  • पुलिस ने साइबर फ्रॉड करने वाले गैंग के चार लोग मुकेश, बालकिशन, गोपाल और मधु उर्फ जेस्मिन को गिरफ्तार कर लिया है.
  • गिरोह से दो लाख नकदी, बाइक, मोबाइल, सोना, सिम कार्ड, नकली आईडी और शैक्षिक दस्तावेज बरामद किए हैं.

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गिरोह के लोग स्मार्ट फोन से नकली विज्ञापन सोशल मीडिया पर डालते थे और जब कोई व्यक्ति संपर्क करता था तो इनके गिरोह की जेस्मिन उनसे बात करके अलग-अलग बहानों से पैसे खातों में जमा करवा लेती थी. इसके बाद ये व्यक्ति को नौकरी लगने में तीन माह का समय बताते थे और फिर सिम बदल देते थे. गिरोह दो साल से उत्तराखंड में सक्रिय था और अभी जुलाई में ही आगरा में सक्रिय हुआ था.
-प्रशांत वर्मा, एसपी सिटी

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