आगरा: पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश और राजस्थान में लगातार हो रही बारिश और काली सिंध नदी से छोड़े गए पानी के चलते चंबल नदी ने खतरे का निशान पार कर दिया है. अब उफनाई चंबल नदी बेकाबू हो रही है. यही वजह रही कि बुधवार सुबह के समय चंबल नदी खतरे के निशान 130 मीटर को पार कर गई.
चंबल नदी अभी खतरे के निशान से चार मीटर ऊपर बह रही है. बुधवार देर शाम तक चंबल नदी 134 मीटर का निशान पार कर चुकी थी. इससे 16 गांव के करीब 100 से ज्यादा परिवार बाढ़ की चपेट में आ गए. बाढ़ पीड़ित परिवारों को जिला प्रशासन ने चंबल के बीहड़ में ऊंचे टीलों पर या अन्य गांवों में शिफ्ट करा दिया है. इसके साथ ही जिला प्रशासन ने NDRF से मदद मांगी है, क्योंकि रातभर में नदी का जलस्तर बढ़ने से चंबल की तलहटी में बसे तहसील मुख्यालय का संपर्क टूट सकता है. यही हालात यमुना का जलस्तर बढ़ने से बन रहे हैं. आगरा में यमुना का जलस्तर 492 फीट है, जो खतरे के निशान से दो फीट कम है.