आगराःशहर में 'कोख के कातिलों' के कई गिरोह सक्रिय हैं. इनका नेटवर्क उप्र, मप्र, राजस्थान और हरियाणा में भी फैला है. वहीं, आगरा में शहर ही नहीं बल्कि दूर-दराज गांव में भी कई भ्रूण लिंग परीक्षण करने के ठिकाने हैं. यहां अलग-अलग भ्रूण लिंग परीक्षण कराने वाले रैकेट एक्टिव हैं. ये गांव में किराए पर मकान लेकर वहां पर पोर्टेबल सेटअप लगाकर इस गोरख धंधे को चला रहे हैं. इतना ही नहीं यहां गर्भपात भी कराए जा रहे हैं. यह है कि यह खुलासा खुद पुलिस, प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त कार्रवाई में पकड़े गए भ्रूण लिंग परीक्षण करने वाले रैकेट ने किया है.
रैकेट के मास्टरमाइंड विक्रम और सहयोगी सरिता ने खुलासा किया कि भ्रूण लिंग परीक्षण रैकेट में बतौर आगरा, हाथरस, अलीगढ, मथुरा, एटा, मैनपुरी, फरोजाबाद के साथ ही राजस्थान, मध्य प्रदेश और राजस्थान के झोलाझाप और चिकित्सक शामिल हैं. इन्हें काम के बदले कमीशन दिया जाता है. वहीं, सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि भ्रूण लिंग परीक्षण करने वाले रैकेट जिले में कई जगह हैं. यहां पर आगरा के साथ ही मप्र, राजस्थान और हरियाणा की गर्भवती को बुलाकर भ्रूण की लिंग जांच की जाती है. अधिकतर भ्रूण लिंग परीक्षण केंद्रों पर रैकेट किसी तरह का कोई बोर्ड नहीं लगाते हैं. ये लोग अब दुकानों के बजाय गांव में मकान किराए पर लेकर यह काम कर रहे हैं. इसलिए, गांव के लोगों को भी इनके बारे में कोई जानकारी नहीं होती होती है. इतना हीं नहीं दो से तीन माह में रैकेट अपना ठिकाना बदल देते हैं. जिससे पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के रडार से ये बच निकलते हैं.
देहात में छह से ज्यादा ठिकानेःपुलिस और स्वास्थ्य विभाग की छानबीन में सामने आया है कि जिले में देहात क्षेत्र में भ्रूण लिंग परीक्षण का खेल सिर्फ किरावली के साथ ही छह से अधिक जगह पर चल रहा है. यहां से कई बार स्वास्थ्य विभाग को पुख्ता सूचना भी मिली थी. इतना ही नहीं स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों ने इनठिकानों की लाइव लोकेशन भी विभाग को भेजी थी. मगर, कार्रवाई नहीं हुई. इसको लेकर पीसीपीएनडीटी टीम के नोडल अधिकारी की भूमिका भी संदिग्ध लग रही है. क्योंकि, भ्रूण लिंग परीक्षण का रैकेट जब पकड़ा गया तो नोडल अधिकारी ने मौके पर पहुंचकर भी रैकेट के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं कराई.
पिनाहट में मिली गर्भपात की सूचनाएंःपुलिस और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की मानें तो पिनाहट क्षेत्र में 3 अस्पतालों में अवैध रूप से गर्भपात की शिकायत मिली. लिखित शिकायत न होने की बात कहकर स्वास्थ्य विभाग इन अस्पतालों पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है. इस बारे में पिनाहट सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी डॉ. विजय कुमार बताते हैं कि कोई लिखित शिकायत नहीं देता है.