आगरा: यूपी के संभल जिले की चंदौसी पुलिस की दबिश से डरकर आगरा के खड़िया गांव के आलू व्यापारी चरन सिंह ने खुदकुशी कर ली थी. मृतक के परिजनों ने चंदौसी थाने के दरोगा मनोज वर्मा के खिलाफ दो दिन में रिपोर्ट दर्ज करने की मांग की है. परिजनों ने कार्रवाई न होने पर थाना खंदौली के घेराव की चेतावनी दी है. जबकि खंदौली पुलिस ने व्यापारी रहीस हुसैन के खिलाफ आत्महत्या करने के लिए मजबूर करने का मुकदमा दर्ज किया है. लेकिन मृतक के परिजन पुलिस के इस कार्रवाई से संतुष्ट नहीं हैं.
क्या था पूरा मामला?
खड़िया निवासीआलू व्यापारी चरन सिंह के भाई राजपाल व राजेंद्र ने बताया कि 22 दिन पूर्व चंदौसी पुलिस और व्यापारी रहीस खड़िया आए थे. परिजनों के मुताबिक चरन सिंह ने 25 दिन बाद पैसे देने की बात की थी. बावजूद उसके पुलिसकर्मियों ने सिपाही से दस हजार रुपये ठग लिए थे. तय समय के मुताबिक पुलिस ना आकर 10 दिन पहले ही मंगलवार की रात पुलिस ने थाना खंदौली के गांव खड़िया में दबिश दी. पुलिस जबरन मृतक आलू व्यापारी के भाई राजेंद्र और राजपाल को अपने साथ लेकर गई थी. चरन सिंह ने पुलिस उत्पीड़न से आहत होकर गांव के पास हाईटेंशन लाइन के विद्युत खंभे से लटक कर आत्महत्या कर ली थी. आलू व्यापारी की मौत की सूचना पर चंदौसी पुलिस ने आनन-फानन में मृतक के भाइयों को छोड़ दिया था. मृतक के भाई राजेंद्र राजपाल ने थाना खंदौली में चंदौसी के दरोगा मनोज वर्मा के खिलाफ तहरीर दी. लेकिन पुलिस ने कार्रवाई नहीं की.