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आई फ्लू से लाल हो रहीं आंखें, अस्पतालों में बढ़ने लगे मरीज, चिकित्सक बोले- बिना परामर्श के न लें दवाएं - एसएनएमसी आगरा

आगरा में इन दिनों ज्यादातर लोग आई फ्लू (Symptoms and prevention of eye flu) की चपेट में आने लगे हैं. लोग आंखों में कई तरह की शिकायत लेकर पहुंचने लगे हैं. चिकित्सक ऐसे मौसम में आंखों की सेहत का ध्यान रखने की हिदायत दे रहे हैं.

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Published : Jul 27, 2023, 5:31 PM IST

आई फ्लू से पीड़ित लोग इलाज के लिए अस्पताल पहुंच रहे हैं.

आगरा :बारिश और उमस में बीमारियां बढ़ गईं हैं. आई फ्लू यानी कंजक्टिविटी के मरीजों की संख्या ओपीडी में बढ़ गई है. बच्चे, युवा, महिला, पुरुष और बुजुर्ग इसकी चपेट में आ रहे हैं. एसएनएमसी की नेत्र रोग विभाग की ओपीडी में 35 से 40 मरीज कंजेक्टिवाइटिस से पीड़ित पहुंच रहे हैं. एक ही परिवार के कई सदस्य आई फ्लू की चपेट में आ रहे हैं. आई स्पेशलिस्ट की मानें तो आई फ्लू की चपेट में आ चुका एक बच्चा स्कूल में आठ से 10 बच्चों को संक्रमित कर रहा है. ईटीवी भारत ने एसएन मेडिकल कॉलेज की आई स्पेशलिस्ट असिस्टेंट प्रोफेसर डाॅ. अनु जैन और आई स्पेशलिस्ट असिस्टेंट प्रोफेसर डाॅ. पिंकी वर्मा से खास बातचीत की. आई स्पेशलिस्ट ने आई फ्लू से बचाव के टिप्स दिए. आगरा सीएमओ ने भी सभी सीएचसी और पीएचसी पर दवाएं और आई ड्रॉप के इंतजाम के निर्देश दिए हैं.

क्या है कंजक्टिवाइटिस ? :नेत्र रोग विशेषज्ञ के अनुसार किसी की आंख की कंजक्टिवा नाम की ट्रांसपैरेंट झिल्ली में इंफेक्शन या सूजन की समस्या होने पर इसे ही कंजक्टिवाइटिस कहते हैं. जिसे पिंक आइज भी कहते हैं. ये आंखों में बैक्टीरिया, वायरस संक्रमण या एलर्जिक रिएक्शन से होती है. ये बीमारी बच्चे, युवा, बड़े और बुजुर्ग किसी को भी अपनी चपेट में ले सकती है. छोटे बच्चों में टियर डक्ट (अश्रु नलिका) के पूरी तरह खुला न होने से भी अक्सर पिंक आई की समस्या हो जाती है. बारिश और उमस के मौसम में आंखों की ये बीमारी तेजी से फैलती है.

चिकित्सक विशेष सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं.

आंखों में जलन और खुजली है लक्षण :डाॅ. अनु जैन बताती हैं कि, आई फ्लू एक बीमारी है. यह आंखों को बेहद तकलीफ देती है. यह वायरल इन्फेक्शन है. यह बारिश, उमस की वजह से इस मौसम में कॉमन है. यदि आपकी आंख में खुजली हो रही है. आंख लाल है या आंख किरकिरा रही है तो आई फ्लू हो गया है. यह एक से दूसरे में जल्दी फैलता है. इस समय स्कूली बच्चों में यह बीमारी तेजी से फैल रही है. बच्चे स्कूल जा रहे हैं. एक बच्चे की आंख यदि कंजक्टिविटी की चपेट में आई है तो दूसरे बच्चों की आंख भी इस बीमारी की चपेट में आ रही हैं. इसके साथ ही बड़े लोग भी कंजक्टिवाइटिस की चपेट में आ रहे हैं.

लापरवाही पर क्रोर्निया में दिक्कत :डाॅ. अनु जैन बताती हैं कि, यदि किसी बच्चे या व्यक्ति की आंख कंजक्टिवाइटिस की चपेट में आ रही है. यह चिकित्सा के परामर्श और सलाह से उपचार करने पर सात से 10 दिन में ठीक हो जाता है. इसमें लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए. क्योंकि, बिना चिकित्सक के परामर्श के दवा लेने या आंख में ड्राॅप डालने से परेशानी बढ़ सकती है. इसमें काॅर्निया में दिक्कत हो सकती है. इसलिए, कंजक्टिवाइटिस में लापरवाही न करें.

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आंख में असहनीय दर्द भी :डाॅ. पिंकी वर्मा बताती हैं कि, आई फ्लू में आंखों के आगे एक पतली सी झिल्ली में वायरस पहुंच जाता है. इससे आंखों में खुजली होती है. इसके साथ ही आंखों में सूजन आ जाती है. आंख में किरकिराहट होती है. आंख में दर्द बर्दाश्त न कर पाने वाला होता है. यह एक आंख से शुरू होकर दूसरी आंख तक और फिर एक इंसान से दूसरे इंसान तक पहुंचता है. इसमें आंखों का रंग लाल हो जाता है.

कंजक्टिवाइटिस के लक्षण :आंख लाल होना, आंख सूज जाना, आंख में दर्द होना, आंख में खुजली होना, आंख में किरकिराहट होना, आंख से लगातार पानी आना, आंख से कीचड़ आना, पलकें चिपक जाना.

इस तरह बरतें सावधानी :आंखों को छुएं नहीं, आंखों को रगड़े नहीं, रूमाल शेयर न करें, तौलियां भी शेयर न करें, ताजे पानी से आंख धुलें, साफ-सफाई का ध्यान रखें, बिना परामर्श आंख में ड्राॅप न डालें.

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