आगराःजिले के एसएन मेडिकल कॉलेज (Sarojini Naidu Medical College) के डॉक्टरों ने गुरुवार को एक बेहद मुश्किल ऑपरेशन को अंजाम दिया है. मेडिकल कॉलेज के नेत्र विभाग के डॉक्टरों की टीम ने गुरुवार को चार साल की बच्ची की म्यूकस मेंब्रेन ग्राफ्टिंग सर्जरी की. झोलाछाप डॉक्टर की गलत दवाओं से हुए रिएक्शन के कारण बच्ची की आंख की रोशनी चली गई थी. साथ ही उसकी आंखों के अंदर की परत भी चिपक गई थीं. जिसके बाद चिकित्सकों ने बच्ची की आंखों की रोशनी वापस लाने के लिए होंठ की झिल्ली को निकालकर उसकी आंख में लगाया. इस सर्जरी के बाद बच्ची की आंख की रोशनी लौटने की उम्मीद है. डॉक्टरों का दावा है कि यह यूपी की पहली म्यूकस मेंब्रेन ग्राफ्टिंग सर्जरी की है.
फिरोजाबाद जिले के गांव करारे अबोगढ़ निवासी निरसाद ने अपनी चार वर्षीय बेटी तान्या को एसएन मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में भर्ती कराया था. जहां से उसे नेत्र विभाग में शिफ्ट किया गया. तान्या की आंखें चिपकी हुई थी. उसे कुछ दिखाई नहीं दे रहा था. वहीं मेडिकल कॉलेज के नेत्र विभाग में कार्निया एंड ऑक्यूलर विभाग की एचओडी डॉ. शेफाली मजूमदार ने बताया कि 'परिजनों की काउंसलिंग में यह सामने आया कि तीन माह पहले तान्या को बुखार आया था. इस पर उसे गांव के झोलाछाप डॉक्टर से दवा दिलाई गई थी. झोलाछाप की दवा से तान्या के शरीर पर फफोले पड़ गए और उसकी आंखें भी चिपक गई थीं. जिसे परिवार ने चिकेनपॉक्स मानकर बच्ची का इलाज नहीं कराया और तान्या की आंखों की रोशनी चली गई.'