आगरा:उत्तराखंड की पूर्व राज्यपाल व भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बेबी रानी मौर्य एक बार फिर आगरा से सक्रिय राजनीति में उतार गई हैं. भाजपा ने आगरा ग्रामीण की मौजूदा विधायक हेमलता दिवाकर का टिकट काटकर पूर्व राज्यपाल बेबी रानी मौर्य को मैदान में उतारा है. इससे भाजपा कार्यकर्ता और पदाधिकारियों में खुशी की लहर है. वैसे बेबी रानी मौर्य उत्तराखंड की राज्यपाल बनने से पहले आगरा की महापौर भी रही हैं. ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में पूर्व राज्यपाल व आगरा ग्रामीण से भाजपा की प्रत्याशी बेबी रानी मौर्य ने कहा कि, जो रूठें हैं. उन्हें मनाऊंगी. हम सब मिलकर क्षेत्र में विकास करेंगे.
पूर्व राज्यपाल बेबी रानी मौर्य का राजनीतिक सफर
उत्तराखंड की पूर्व राज्यपाल और भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बेबी रानी मौर्य का राजनीतिक सफर बहुत ही रोचक रहा है. उनके पति प्रदीप कुमार पंजाब नेशनल बैंक में डायरेक्टर एवं सीनियर मैनेजर पद से रिटायर हैं. एमए बीएड बेबी रानी मौर्य साल 1995 में भाजपा में शामिल हुईं. उसी साल वे भाजपा के टिकट पर आगरा की महापौर बनीं. सन 1997 में बेबी रानी मौर्य भाजपा के राष्ट्रीय अनुसूचित जाति मोर्चा की कोषाध्यक्ष बनी थीं. उसी समय मोर्चा के अध्यक्ष वर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद थे. सन 2002 में उन्हें राष्ट्रीय महिला आयोग का सदस्य बनाया गया. 2007 में भाजपा ने एत्मादपुर विधानसभा सीट पर उन्हें प्रत्याशी बनाया था. मगर, उन्हें तब हार का सामना करना पड़ा था. फिर 26 अगस्त 2018 को बेबी रानी मौर्य को उत्तराखंड का राज्यपाल बनाया गया. 8 सितंबर 2021 को उन्होंने उत्तराखंड के राज्यपाल के 3 साल का कार्यकाल पूरा किया. फिर राज्यपाल पद से इस्तीफा दे दिया. तब उन्हें भाजपा ने राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया.
'पार्टी के विश्वास पर खरा उतरूं यही रहेगी कोशिश'
पूर्व राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में बताया कि, भारतीय जनता पार्टी ने एक बार फिर मुझ पर भरोसा जताया है. और मेरी पूरी कोशिश रहेगी कि मैं पार्टी के इस भरोसे पर खरा उतरूं. उन्होंने कहा कि, आगरा ग्रामीण भाजपा के लिए बहुत अच्छी सीट है. पहले से ही यहां भाजपा की महिला विधायक हैं. जिस तरह से पीएम मोदी और सीएम योगी ने ग्रामीण अंचल के विकास के लिए कार्य किया है