आगरा :देश की राजधानी दिल्ली में तबाही मचाने के बाद यमुना नदी अब मुगलिया राजधानी रहे आगरा के लोगों को भी डराने लगी है. आगरा में कालिंदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. आगामी दिनों में यमुना का जलस्तर छह से आठ फीट तक बढ़ सकता है. इससे आगरा में बाढ़ के हालात पैदा होंगे. जिले में साल 2010 में यमुना का जलस्तर खतरे के निशान तक पहुंच गया था. साल 1978 में यमुना नदी की बाढ़ ने आगरा में खूब तबाही मचाई थी. उस दौरान ताजमहल के तहखाने में भी बाढ़ का पानी पहुंच गया था. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने कई दिनों के लिए ताजमहल को बंद कर दिया था. शहर के यमुना किनारे स्थित बेलनगंज, जीवनी मंडी, बल्केश्वर, मोतीगंज बाजार में बाढ़ का पानी भर गया था. यहां नाव भी चलानी पड़ी थी. हर बाढ़ का असर ताजमहल पर पड़ा है. इसके निशान आज भी मौजूद हैं.
ईंटों से बंद कर दिया गया था दरवाजा :वरिष्ठ इतिहासकार राजकिशोर राजे बताते हैं कि, आगरा में अंग्रेजी हुकूमत के समय सन 1924 में बाढ़ आई थी. मगर, सन 1978 की बाढ़ खतरनाक थी. इसमें बाढ़ का पानी ताजमहल के तहखानों के 22 कमरों में पहुंच गया था. ताजमहल में लकड़ी के दरवाजे बसई और दशहरा घाट की ओर थे. इन्हें हटाकर दरवाजों की जगह को ईंटों से बंद कर दिया गया था. आज भी यह इसी हालत में है.
बहाव को रोकने के लिए डाले गए थे पत्थर :बसई घाट प्राचीन मंदिर पर मौजूद श्रद्धालु हिम्मत सिंह ने बताया कि, सन 1978 में यमुना की बाढ़ में ताजमहल से सटे बसई घाट और दशहरा घाट पर बने प्राचीन मंदिर डूब गए थे. इतना ही नहीं, यमुना नदी के तेज बहाव के साथ पानी सीधे ताजमहल की यमुना किनारे की पश्चिमी बुर्जी और उत्तरी बुर्जी पर टक्कर मार रहा था. इससे पश्चिमी बुर्जी की दीवार भी चटक गई थी. यमुना के तेज बहाव को रोकने के लिए बसई घाट पर पत्थर डाले (पत्थरों की रैम्प) गए.जिससे यमुना का पानी तेज बहाव के साथ ताजमहल की दीवार में टक्कर नहीं मारे. ये पत्थर अभी भी बसई घाट पर पड़े हुए हैं. घाट मलबे में दब गया है.
1978 की बाढ़ में डूब गया था मंदिर :दशहरा घाट प्राचीन दाऊ जी महाराज मंदिर के महंत राजेश मिश्रा ने बताते हैं कि, सन 1978 की बाढ़ में मंदिर डूब गया था. यहां के बुजुर्ग बताते हैं कि बाढ़ ने खूब तबाई मचाई थी. सन 2010 में भी यमुना के पानी में दहशरा घाट डूब गया था. तब मंदिर में पूजा करने के लिए पानी से होकर ही गुजरना पड़ता था. यहां पर पुलिस और प्रशासन ने जल पुलिस के साथ ही गोताखोर भी लगा दिए थे.