आगरा:ताजनगरी के पर्वतारोही रोहित तिवारी के सिर पर सात महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटियों पर तिरंगा फहराने का जुनून सवार है. रोहित तिवारी को बचपन से पर्वतारोहण का शौक था. इसलिए रोहित ने बेहतर ट्रेनिंग ली. अब दुनिया में तिरंगा फहराने की जिद लेकर रोहित ने एक जनवरी को अफ्रीका महाद्वीप की सबसे ऊंची किलिमंजारो चोटी फतह करके वहां पर तिरंगा फहराया.
पर्वतारोही रोहित ने किलिमंजारो पर सूर्य नमस्कार किया. इसके साथ ही 'समृद्ध प्रदेश, उत्तर प्रदेश', 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ', 'नशा मुक्ति भारत' जैसे स्लोगन लिखे पोस्टर भी हवा में लहराकर नया रिकॉर्ड बनाया है. ईटीवी भारत से एक्सक्लुसिव बातचीत में रोहित तिवारी ने 'मिशन एवरेस्ट' फतह और ख्वाहिश को बताया. उन्होंने कहा कि 'मिशन एवरेस्ट' के लिए अभी से तैयारियों में जुट गया हूं. हर दिन इसके लिए खूब पसीना बहा रहा हूं.
बता दें कि भूड़ का बाग, कमलानगर निवासी रोहित तिवारी पर्वतारोही हैं. रोहित तिवारी दिल्ली में एक ऑनलाइन एजुकेशन कंपनी में मैनेजर हैं. माउंटेनियरिंग एक एडवेंचर वाला स्पोर्ट्स है. इसमें हर समय जान का जोखिम रहता है. बेहतरीन ट्रेनिंग ही माउंटेनियरिंग के लिए तैयार करती है. माउंटेनियरिंग में बर्फीले तूफान, बर्फीले पहाड़, बर्फबारी समेत अन्य कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है.
सुबह चार बजे शुरू होती है ट्रेनिंग
पर्वतारोही रोहित तिवारी का कहना है कि वैसे तो उनकी ट्रेनिंग हर दिन 5 से 6 घंटे की होती है. हर दिन सुबह 4 बजे से दिन की शुरुआत होती है. सबसे पहले रनिंग, 15 किलोग्राम वजन के साथ वॉकिंग और लगभग 40 किमी की साइकिलिंग करके दिल्ली ऑफिस जाता हूं. सुबह सूर्य नमस्कार और योग उनकी ट्रेनिंग में शामिल है. बेहतरीन टाइम मैनेजमेंट और अच्छी फूड डाइट भी ट्रेनिंग में मददगार साबित होती है. उन्होंने कहा कि माउंटेनियरिंग की प्रोफेशनल ट्रेनिंग इंडिया के सबसे बेहतरीन माउंटेनियरिंग संस्थानों से ट्रेनिंग की है.