आगरा में मुगल शहंशाह शाहजहां के उर्स पर उमड़ी भीड़ आगरा:मुगल शहंशाह शाहजहां के 368 वें उर्स में तीसरे दिन रविवार को ताजमहल में भारी भीड़ उमड़ी. ताजमहल के मुख्य मकबरा के तहखाने में स्थित शहंशाह शाहजहां और मुमताज की कब्रें देखने के लिए लंबी कतार लग गई. ताजमहल के पूर्वी और पश्चिमी गेट पर एंट्री के लिए सुबह से ही कतार लग गई. ताजमहल में उर्स के तीन दिन तक अलग-अलग रस्म हुईं. रविवार दोपहर में मन्नत और आस्था की चादर और पंखे लेकर अकीकतमंद ताजमहल पहुंचे. जायरीन चादरपीशी और पंखे चढ़ा रहे हैं.
आज उर्स में सबसे बड़ा आकर्षण सांप्रदायिक सद्भाव और सौहार्द की मिसाल 1480 मीटर लंबी हिंदुस्तानी सतरंगी चादर रही. भीड़ को देखते हुए एएसआई के अतिरिक्त कर्मचारी, सीआईएसएफ के अतिरिक्त जवान और वालंटियर लगाए गए हैं. भीड़ को देखकर ताजमहल का लेबर गेट भी निकासी के लिए खोला गया है. मुगल शहंशाह शाहजहां का उर्स हर साल हिजरी कैलेंडर के रजब माह के 25, 26 और 27 तारीख को मनाया जाता है.
मकबरे पर चादर चढ़ाने जा रहे लोग इस वर्ष 17 फरवरी, 18 फरवरी और 19 फरवरी को यह तिथि है जिनमें शहंशाह शाहजहां का 368 वां उर्स मनाया जा रहा है. उर्स का रविवार को आखिरी दिन था. जिसमें सुबह से शाम तक ताजमहल के मुख्य मकबरा पर कव्वालियां गूंजी. रॉयल गेट पर नगाड़ा और शहनाई बजती रही. अकीकतमंदों ने ढोल के साथ नाचते हुए अपनी मन्नत और आस्था की चादर और पंखे चढ़ाए. मंगलवार दोपहर ढाई बजे ताजमहल के मुख्य मकबरे में स्थिति शाहजहां की कब्र पर सांप्रदायिक सद्भाव और सौहार्द की मिसाल 1480 मीटर लंबी हिंदुस्तानी सतरंगी चादर चढ़ाई गई.
चादर चढ़ाने के दौरान ढोल के साथ नाचते हुए लोग सीआईएसएफ के जवानों पर अभद्रता का आरोप:शाहजहां के उर्स के तीसरे दिन रविवार दोपहर ताजमहल में उमड़ी भीड़ से अवस्थाएं फैल गई. जिससे एएसआई कर्मचारी और सीआईएसएफ के जवानों को भीड़ को नियंत्रित करने में काफी मशक्कत करनी पड़ी. ताजमहल के चमेली फर्श पर दो पर्यटकों ने सीआईएसफ के जवानों पर मारपीट का आरोप लगाया है. पर्यटकों का कहना है कि, वे सतरंगी चादर के साथ जा रहे थे. चादर ले जा रहे लोगों ने इस में शामिल होने के लिए कहा था. जैसे ही चमेली फर्श पर पहुंचे तो सीआईएसएफ के जवानों ने पकड़ कर मारपीट कर दी.
विश्व और देश में अमन और शांति की दुआ मांगी:खुद्दाम-ए-रोजा कमेटी के प्रेसिडेंट हाजी ताहिरुद्दीन ताहिर ने इस साल 1480 मीटर लंबी सतरंगी चादर चढ़ाई गई है. सांप्रदायिक सौदा सौहार्द और सद्भावना की यह चादर है. यह चादर से देश और विश्व में अमन चैन की शांति की दुआ की गई है. देश की तरक्की, रोजगार और व्यापार में उन्नति की दुआ की गई है.
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