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ताजमहल पर 'गोल्डी' का हमला, जानें इसकी वजह

उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में स्थित ताजमहल अपनी खूबसूरती और वास्तुशिल्प के लिए विश्वविख्यात है. इस समय इसकी खूबसूरती पर खतरा मंडरा रहा है.

आगरा
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Published : Mar 1, 2021, 3:45 PM IST

आगराःअपने वास्तुशिल्प के लिए विश्वविख्यात और दुनिया के सात आश्चर्यों में एक है आगरा में स्थित ताजमहल. इसकी जिस खूबसूरती को देखने देश-विदेश से लोग आते हैं उस पर खतरा पैदा हो गया है. अब इसके सफेद संगमरमर पत्थर पर हरे, भूरे और काले धब्बे पड़ गए हैं. इन धब्बों की वजह है गोल्डी काइरोनोमस. गोल्डी काइरोनोमस कीड़े के हमले से ताजमहल की खूबसूरती को खतरा पैदा हो गया है.

ताजमहल हो रहा बदरंग

दरअसल, यमुना के गिरते जलस्तर और बढ़ते प्रदूषण से पानी में फास्फोरस की मात्रा अधिक हो गई है. यही फास्फोरस वाला यमुना का दलदल ताजमहल को बदरंग करने वाले कीड़े गोल्डी काइरोनोमस के लिए संजीवनी है.

किया गया था निरीक्षण
यमुना में प्रदूषण और ताजमहल को लेकर शनिवार को सुप्रीम कोर्ट के पर्यावरणविद अधिवक्ता एमसी मेहता और नीरी के चेयरमैन डॉ. एसके गोयल ने ताजमहल और यमुना का निरीक्षण किया था. दोनों अधिकारियों ने पाया कि ताजमहल के पास यमुना में पानी कम है, इसलिए वहां दलदल बन गया है. इस दलदल और गंदगी से बदबू आती है. इसी दलदल में गोल्डी काइरोनोमस कीड़ा का कुनबा पनप गया है. जो, लगातार ताजमहल पर अपनी गंदगी छोड़ता है. इससे ताजमहल पर दाग लग रहे हैं.

ताजमहल हो रहा बदरंग
गोल्डी काइरोनोमस मादा एक बार में 1000 अंडे देती हैएएसआई के वैज्ञानिकों की मानें तो गोल्डी काइरोनोमस कीड़ा दलदल में तेजी से अपना कुनबा बढ़ाता है. गोल्डी काइरोनोमस मादा की एक बार में 1000 अंडे देती है. लार्वा और प्यूमा के बाद करीब 28 दिन में यह कीड़ा बनता है. जो 2 दिन तक जीवित रहता है. यह सूक्ष्म होता है. यह कीड़ा ज्यादा ऊंचाई तक नहीं उड़ पाता है. यही वजह है कि, यमुना के दलदल से ताजमहल के सफेद रंग की ओर यह कीड़ा आकर्षित होता है. यमुना से उड़कर यह कीड़ा ताजमहल पर जाकर बैठता है. जिससे ताजमहल बदरंग होता है.
ताजमहल हो रहा बदरंग
गर्मी बढ़ते ही गोल्डी काइरोनोमस का कुनबा पनपताएएसआई के अधीक्षण पुरातत्वविद वसंत कुमार स्वर्णकार ने बताया कि, अभी तक के सभी रिसर्च में यह साबित हुआ है. कि, यमुना में जब भी पानी कम होता है. कीचड़ और दलदल हो जाता है. इस कीचड़ और दलदल में गोल्डी काइरोनोमस कीड़ा पनपता है. जो ताजमहल के सफेद संगमरमर के रिफ्लेक्शन की ओर आकर्षित होता है. गोल्डी काइरोनोमस कीड़ा ताजमहल पर बैठता है तो वह अपने साथ लाए हुए कीचड़ या घास के धब्बों को छोड़ता है. इसी वजह से ताजमहल पर हरे, भूरे और काले रंग के धब्बे पड़ते हैं.

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डिस्टल वाटर से धुलते हैं ताज के दाग
एएसआई के अधीक्षण पुरातत्वविद वसंत कुमार स्वर्णकार का कहना है कि एएसआई की विज्ञान शाखा लगातार ताजमहल की सुंदरता की मॉनिटरिंग करती है. जब भी गोल्डी काइरोनोमस कीड़े की वजह से ताजमहल पर दाग धब्बे पड़ते हैं तो उन्हें डिस्टल वाटर से धो दिया जाता है. अगर हम अभी की बात करें तो मौसम में बदलाव आया है. गर्मी बढ़ रही है. ऐसे में यमुना में पानी कम है. यमुना में दलदल और कीचड़ है. इसमें गोल्डी काइरोनोमस कीड़े की पैदाइश बढ़ जाती है. हर बार इससे निपटने के लिए ताजमहल को डिस्टल वाटर से साफ करते हैं. यह एक रूटीन प्रक्रिया की तरह बन गया है.

यमुना में जाता है नाले का पानी
आगरा में पानी के अभाव में यमुना सिसक रही है. आगरा के छोटे-बड़े 91 नाले हैं. इनमें 29 नाले टैप हैं. बाकी नालों का पानी सीधा यमुना में जाता है. इससे यमुना प्रदूषित हो रही है. इससे यमुना के दलदल में पनपने वाले गोल्डी काइरोनोमस से ताजमहल पर दाग पड़ रहे हैं. वहीं, ताजमहल की नींव भी कमजोर हो रही है.

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