आगरा:एसएन मेडिकल कॉलेज (SNMC) के जूनियर डॉक्टर्स का कार्य बहिष्कार जारी है. नीट पीजी-2021 की काउंसलिंग की मांग को लेकर पहले जूनियर डॉक्टर्स ने ओपोडी में सेवाएं देना बंद किया. जिससे मरीजों को परेशानी हुई. अब बुधवार से जूनियर डॉक्टर्स इमरजेंसी और आईसीयू में भी सेवाएं नहीं देंगे. जिससे ओपीडी की तरह ही इमरजेंसी आने वाले मरीजों और आईसीयू में भर्ती मरीजों को परेशानी होगी. जहां मरीजों को भटकना पड़ेगा. लेकिन, एसएम मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने जूनियर डॉक्टर्स के कार्य बहिष्कार के चलते डॉक्टर्स, सीनियर रेजिडेंट, संकाय सदस्य, नॉन पीजी जेआर और अन्य लोगों की ड्यूटियां ओपीडी, आईसीयू और इमरजेंसी में लगाई हैं.
दरअसल, नीट पीजी परीक्षा जनवरी-2021 में और काउंसलिंग मई 2021 में होनी थी. जूनियर डॉक्टर्स को प्रथम वर्ष में प्रवेश मिलना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. पहले कोरोना और फिर ओबीसी और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के आरक्षण का मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया. इस मामले की सुप्रीम कोर्ट सुनवाई 6 जनवरी 2022 में होनी है. इसको लेकर जूनियर डॉक्टर्स ने पहले ओपीडी में सेवाएं देना बंद किया. ओपीडी खुलने पर जूनियर डॉक्टर्स बाहर बैठ जाते थे. अब नीट पीजी की काउंसलिंग कराने की मांग को लेकर जूनियर डॉक्टर्स कोविड अस्पताल के सामने ही बैठ गए हैं.
ओपीडी और आईपीडी के मरीजों की बढ़ेगी मुश्किल
एसएन मेडिकल कॉलेज में उपचार कराने के लिए प्रतिदिन फिरोजाबाद, मथुरा, मैनपुरी, एटा, इटावा, हाथरस, धौलपुर, मुरैना समेत अन्य जिलों के मरीज आते हैं. जो अलग-अलग विभागों में भर्ती भी होते हैं. ओपीडी में करीब 2 हजार मरीज आते हैं. ऐसे में जूनियर डॉक्टर्स के कार्य बहिष्कार करने से ओपीडी, इमरजेंसी और आईसीयू में भर्ती मरीजों की मुश्किलें बढ़ेंगी.