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बटेश्वर नाथ मेला का जिला पंचायत अध्यक्ष और विधायक ने किया उद्घाटन

आगरा के ब्लॉक बाह क्षेत्र में बटेश्वर पशु मेला का शुभारंभ मंगलवार को किया गया. मेले का उद्घाटन जिला पंचायत अध्यक्ष मंजू भदोरिया एवं क्षेत्रीय विधायक बाह रानी पक्षालिका सिंह ने किया.

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Published : Nov 3, 2021, 1:52 PM IST

बटेश्वर नाथ मेला का शुभारंभ
बटेश्वर नाथ मेला का शुभारंभ

आगरा: जिले के बाह तहसील क्षेत्र के यमुना किनारे बसा तीर्थ धाम बटेश्वर में हर साल उत्तर भारत का प्रसिद्ध पशु एवं लोक मेले का आयोजन जिला पंचायत द्वारा किया जाता है. जहां दूरदराज से पशु व्यापारियों के साथ-साथ तमाम व्यापारी पहुंचते हैं. मंगलवार 2 नवंबर से मेले का आयोजन शुरू हो गया है. इसका उद्घाटन जिला पंचायत अध्यक्ष मंजू भदोरिया एवं क्षेत्रीय विधायक बाह रानी पक्षालिका सिंह ने मंत्रोच्चारण के साथ किया.

इस मौके पर पूर्व कैबिनेट मंत्री राजा अरिदमन सिंह एवं सांसद राजकुमार चाहर, विधायक फतेहाबाद जितेंद्र वर्मा, पूर्व मंत्री रामसकल गुर्जर सहित अन्य क्षेत्रीय नेता मौजूद रहे. जिला पंचायत अध्यक्ष मंजू भदोरिया ने बताया कि प्रसिद्ध बटेश्वर मेले का प्रचार-प्रसार किया जा रहा है. मेले में आम व्यापारी सहित काफी संख्या में पशु व्यापारी पहुंचने लगे हैं. पशुओं की खरीद-फरोख्त भी शुरू हो गई है. व्यवस्थाओं के इंतजाम किए गए हैं. सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिस की चौकियां तैनात की गई हैं. इस बार के मेले में सांस्कृतिक कार्यक्रम रामलीला, रासलीला व घुड़दौड़, मैराथन दौड़ प्रतियोगिताएं कराई जाएंगी जिससे लोगों का उत्साहवर्धन होगा.

बटेश्वर नाथ मेला का शुभारंभ
विधायक रानी पक्षालिका सिंह ने कहा कि इस बार मेले का भव्य आयोजन किया जा रहा है. पशु व्यापारियों के साथ लोक मेले में आने वाले दुकानदारों के लिए पूरी तरह से इंतजाम किए गए हैं. लोगों को मेले में पहुंचने और खरीदारी करने का भी आग्रह किया गया है. पूर्व कैबिनेट मंत्री ने मेले की व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी देकर बताया साथ ही मेले में भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन होगा. बटेश्वर मेला आयोजन के साथ पांच दिवसीय दीपोत्सव का भी कार्यक्रम शुरू हुआ. जहां 5 दिन तक चलने वाले दीपों के उत्सव में लगातार दीप दान किए जाएंगे.

बाह क्षेत्र के तीर्थ धाम बटेश्वर में 375 वर्ष पूर्व प्राचीन इतिहास में उत्तर भारत के प्रमुख मेला श्री बटेश्वर नाथ का आयोजन सन 1646 में तत्कालीन भदावर नरेश बदन सिंह ने बटेश्वर मेला का आगाज किया था. मेले का पहला चरण बैल, गाय एवं दूसरा चरण घोड़े, ऊंट, गधे, खच्चर एवं तीसरा चरण लोक मेले का किया जाता है. बटेश्वर में एकादशी पूर्णिमा को महामंडलेश्वर बाबा बालक दास के नेतृत्व में नागा साधु संत अपने करतब दिखाते हुए बटेश्वर तीर्थ की परिक्रमा करने के साथ शाही स्नान करते हैं. वहीं विशाल बटेश्वर मेले में दूरदराज के व्यापारी अपनी दुकानें लेकर पहुंचते हैं, जहां भारत के कई राज्यों से लोग खरीदार करने के लिए पहुंचते हैं.

उत्तर भारत के सुप्रसिद्ध मेले में प्राचीन काल में राजा महाराजा इसी पशु मेले से अपनी सेनाओं के लिए घोड़ा एवं हाथी सहित अन्य पशुओं को खरीदने के लिए पहुंचते थे. जानकारों के मुताबिक, भारत के पड़ोसी देशों से पशुओं को खरीद कर राजा महाराजा ले जाते थे. मगर धीरे-धीरे जमाना बदल रहा है और पशुओं की भी तादाद कम हुई है. अब इस मेले में सिर्फ घोड़ा, गाय, बैल, खच्चर, गधा, बकरी आज की ही खरीद-फरोख्त की जाती है.

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