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ग्राउंड रिपोर्टः तालाब ओवरफ्लो होने से विद्यालय में घुसा गंदा पानी, भविष्य संवारें या जान बचाएं मासूम - आगरा की ताजा खबर

आगरा जिले के बाह ब्लॉक के गांव मिड़कौली का तालाब बारिश (overflow of pond in Midkauli Agra) के कारण ओवरफ्लो हो गया है. जिससे गांव के प्राथमिक विद्यालय में गंदा पानी घुस गया है. देखिए मिड़कौली के प्राथमिक विद्यालय की ये तस्वीरें.

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विद्यालय में घुसा गंदा पानी

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Published : Jul 21, 2022, 4:58 PM IST

आगरा:'लड़का-लड़की एक समान, सबको शिक्षा सबको ज्ञान' जैसे स्लोगन से यूपी सरकार शिक्षा की अलख जगा रही है. सीएम योगी का भी 'स्कूल चलो अभियान' पर खूब जोर है. मगर, ईटीवी भारत आपको आगरा जिले के बाह ब्लॉक के गांव मिड़कौली के प्राथमिक विद्यालय की वो तस्वीर दिखाने जा रहा है. जो प्राथमिक शिक्षा की शर्मनाक स्थिति बयां कर रही है. ये वीडियो और तस्वीरें जिम्मेदार अधिकारियों की घोर लापरवाही का सबूत है. हर साल की तरह इस बार भी मिड़कौली गांव का तालाब ओवरफ्लो (overflow of pond in Midkauli Agra) हो गया है. जिससे गंदा पानी और गंदगी प्राथमिक विद्यालय में घुस गया है.

हालात ऐसे हैं कि स्कूल आने-जाने वाले रास्ते पर घुटनों तक पानी है. इसी गंदे पानी से छोटे-छोटे बच्चे और शिक्षक विद्यालय जाने को मजबूर हैं. नौनिहाल उज्जवल भविष्य की खातिर अपनी जान हथैली पर रखकर खुद का भविष्य संवारने के लिए गहरे तालाब के पास से निकलते हैं. लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों का शिकायतों के बाद भी इस इस ओर ध्यान नहीं है. ईटीवी भारत की टीम जब गांव मिड़कौली पहुंची तो नौनिहाल विद्यालय जा रहे थे. उनके कंधों पर किताब और कॉपियों का बैग था, तो दोनों हाथ से कपड़े संभाल रहे थे. बच्चे अपने छोटे भाई का हाथ पकड़ कर चल रहे थे. जिससे वे फिसलकर गहरे तालाब में न चले जाए.

आगरा के प्राथमिक विद्यालय के हाल पर ईटीवी भारत की स्पेशल रिपोर्ट
जब ईटीवी भारत ने बच्चों से बात की तो उन्होंने सीएम योगी और आगरा डीएम से ओवरफ्लो तालाब को सही कराने की मांग की. बच्चों ने कहा कि हर दिन गंदे पानी में आने-जाने से हाथ और पैर में खुजली हो गई है. कपड़ों से बदबू आती है. शिक्षकों ने कहा कि हर साल बारिश के दिनों में विद्यालय में बच्चों की संख्या कम हो जाती है. यही वजह है कि कई लोग तो अपने बच्चों को यहां से निकाल कर दूसरे विद्यालय में दाखिला करा देते हैं. इतना ही नहीं, विद्यालय में पानी भर जाता है. बैठने के लिए भी जगह नहीं रहती है. विद्यालय में सांप, कछुआ, मेंढक समेत अन्य तमाम जीव खूब उछल कूद करते हैं.

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बुजुर्ग ग्रामीण सुगड सिंह का कहना है कि लगातार इस तालाब को लेकर अधिकारियों से ग्राम प्रधान से शिकायत करते हैं. बारिश में तो लोग चार माह घरों में कैद रहते हैं. कहीं जाना है तो गंदे पानी से निकल कर जाना पड़ता है. यह तालाब बारिश में बीमारी की सबसे बड़ी वजह बनता है. डेंगू और मलेरिया समेत अन्य मौसमी बीमारी लोगों को चपेट में लेती हैं. फिर भी अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं देते हैं.

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता कुसमा देवी ने बताया कि जब से बारिश हुई है, तब से आंगनबाड़ी में बच्चे नहीं आ रहे हैं. चूंकि बच्चे छोटे हैं. उन्हें लाना और ले जाना खतरे से खाली नहीं है. इसलिए परिजन भी उन्हें नहीं भेज रहे हैं. बीते साल डेंगू और मलेरिया ने यहां के लोगों को अपने चपेट में ले लिया था. एक बच्चे की डेंगू से मौत भी हो गई थी. इसी वजह से पूरे प्रदेश में संचारी रोग नियंत्रण और दस्तक अभियान चलाए जा रहे हैं. लेकिन, यहां पर कोई भी टीम नहीं आई है.

शिकायत पर सुनवाई नहीं, बच्चे पेरशान
प्रधानाध्यपक विवेचना यादव ने बताया कि इस संबंध में एबीएस से शिकायत की है. ग्राम प्रधान से भी जलभराव की समस्या को लेकर संपर्क किया गया है. लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई है. सबसे बड़ी समस्या यह है कि गंदे पानी की वजह से छात्र-छात्राएं कम स्कूल आ रहे हैं. जबकि अधिकारी शतप्रतिशत उपस्थिति रहते हैं.समस्याओं का कोई भी समाधान नहीं कर रहा है. सहायक अध्यापिका पूजा सिंह ने बताया कि यहां पर जो बच्चे गंदे पानी से होकर स्कूल आ रहे हैं. उन्हें इससे एलर्जी भी हो रही है. बच्चे टीसी कटाकर भी ले जा रहे हैं.

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