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Published : Nov 30, 2022, 2:42 PM IST

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ताजनगरी के ई-टॉयलेट में ऐसी गंदगी कि इमरजेंसी में भी लोग इसका यूज नहीं करते हैं

स्मार्ट सिटी में शुमार आगरा शहर (smart city project in agra) में ताजमहल के आसपास सात ई-टॉयलेट बनाए गए. मगर रखरखाव के अभाव में यह टॉयलेट बेकार हो गए हैं. इनमें गंदगी ऐसी है कि इसे यूज करने वाले को उल्टी हो जाए. न तो इसमें पानी के इंतजाम हैं और न ही सफाई की व्यवस्था है. ऐसे में कोई भला इसका उपयोग क्यों करे. हालत यह है कि इमरजेंसी में लोग इन टॉयलेट का उपयोग नहीं करते हैं (Agra e toilet smart city project).

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आगरा : 2017 में जब केंद्र सरकार की स्मार्ट सिटी योजना में आगरा (smart city project in agra) का चयन हुआ तो यहां जनता बेहद खुश हुई थी. ताजनगरी की जनता को स्मार्ट सुविधाएं मिलने की आस बंधी. स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में करोड़ों रुपए के बजट की योजनाएं भी बनीं. 283 करोड़ रुपये में नगर निगम में एकीकृत कमांड एंड कंट्रोल सेंटर बना. इसके साथ ही एरिया बेस्ड डेवलपमेंट (एबीडी) के तहत ताजमहल के आसपास के क्षेत्रों में करीब चार करोड़ रुपए की लागत से आठ जगह पर ई-टॉयलेट बनाए गए (Agra e toilet smart city project). अब हालत यह है कि करोड़ों की लागत से बने ई-टॉयलेट शोपीस बन गए हैं. इसका फायदा पर्यटकों और स्थानीय जनता को नहीं मिल रहा है.

जानकारी देते हुए पर्यटक

स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में आगरा का नाम दर्ज हुए अब पांच साल बीत चुके हैं मगर शहर को प्लान के मुताबिक स्मार्टनेस नहीं मिल पाई है. शहर में गलियों में गंदगी और कूड़े की समस्या बनी है. जिले के पर्यटन स्थल पर भी स्मार्ट सुविधाओं पर ताला लगा है. इसकी मिसाल आठ जगहों पर बनाए गए ई-टायलेट हैं. आगरा स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अंतर्गत एरिया बेस्ड डेवलपमेंट (एबीडी) के तहत ताजमहल के आसपास के क्षेत्रों में आठ जगह पर ई-टायलेट्स बनवाए गए थे (no clean e toilet near Tajmahal ). मेट्रो के निर्माण कार्य के दायरे में आने के कारण फतेहाबाद रोड पर बने एक ई टॉयलेट को हटाया गया था. बाकी बचे सात टायलेट्स में से एक का भी उपयोग नहीं हो रहा है. इसके पीछे कारण यह है कि टायलेट्स का निर्माण और रखरखाव की जिम्मेदार सैमटेक क्लीन एंड क्लियर सिस्टम प्राइवेट लिमिटेड गायब है. जनता और पर्यटक आज भी जरूरत के समय साफ टायलेट का पता पूछते नजर आते हैं.

टॉयलेट की रखरखाव करने वाली कंपनी सैमटेक क्लीन एंड क्लियर सिस्टम प्राइवेट लिमिटेड के कर्मचारी कहीं नजर नहीं आते हैं.


ई- टॉयलेट में न पानी और न साफ सफाई :पर्यटक योगेश शर्मा ने बताया कि, आगरा किला के सामने बने ई-टॉयलेट गंदे हैं. दरवाजे खराब हैं. साफ सफाई की व्यवस्था नहीं है. सरकार की ओर से करोड़ों रुपए इस पर बर्बाद किए गए हैं. अधिकारियों की लापरवाही से इनका रखरखाव नहीं हो रहा है. असम से आई महिला पर्यटक मिनती दास ने बताया कि, टॉयलेट में पानी है. और ना ही सही साफ सफाई है. इसलिए, टॉयलेट को उपयोग भी नहीं किया जा सकता है.

ताजमहल के आसपास बनाए गए अधिकतर ई टॉयलेट बंद ही पड़े हैं.
स्थानीय निवासी प्रकाश पांडे ने बताया कि रोजाना पर्यटक ई-टॉयलेट के इस्तेमाल के लिए आते हैं. लेकिन बंद होने की वजह से वे वापस लौट जाते हैं. स्थानीय निवासी भूरा कुरैशी ने बताया कि टॉयलेट की देखभाल और रखरखाव के लिए एक कर्मचारी को लगाया था. जिसे वेतन नहीं दिया गया. इस वजह से उसने भी बीते दिनों से आना बंद कर दिया है. अब तो इन टॉयलेट्स के पास असामाजिक तत्वों का डेरा रहता है. उन्होंने ही ऑटोमेटिक ई-टॉयलेट के दरवाजे भी तोड़ दिए हैं. उनमें गंदगी ऐसी है कि स्वस्थ आदमी की तबियत कुछ मिनट में खराब हो जाए.
गंदे और खुले ई टायलेट का उपयोग महिलाएं नहीं कर पाती हैं.
कंपनी ब्लैक लिस्ट करके टेंडर प्रक्रिया शुरू की :आगरा स्मार्ट सिटी के कंपनी के सीईओ और नगरायुक्त निखिल टी. फुंडे का कहना है कि टॉयलेट की रखरखाव करने वाली कंपनी को ब्लैक लिस्टेड करके उसकी सिक्योरिटी राशि 19 लाख रुपये जब्त कर ली गई है. इसके साथ ही कंपनी को होने वाले लगभग एक करोड़ रुपये के भुगतान को भी रोक दिया गया है. ई-टॉयलेट के रखरखाव और देखभाल के लिए टेंडर प्रक्रिया जारी है. जिससे कोई नई कंपनी यह काम कर सके.पढ़ें : आगरा के लिविंग स्टैच्यू गोल्डमैन स्माइल, ताजमहल देखने वाले पर्यटकों को देते हैं मुस्कुराहट

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