आगरा: सेंट जोंस महाविद्यालय ने एक अनूठी पहल करते हुए डायग्नोस्टिक एवं काउंसलिंग सेंटर की स्थापना की है. कॉलेज के मनोविज्ञान विभाग की ओर से इस सेंटर को रोटरी क्लब के सहयोग से तैयार किया गया है. इसमें खास तौर पर डिसलेक्सिया, डिस्प्लेशिया, एडीएचडी जैसी समस्याओं की जांच व काउंसलिंग की जाएगी. इस सेंटर का उद्घाटन पूर्व मंत्री राजा महेंद्र अरिदमन सिंह, विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अशोक कुमार मित्तल और चर्च ऑफ नार्थ इंडिया के विशप पीपी हाबिल ने किया.
दरअसल, इन समस्याओं के तहत बच्चों को अक्षर पहचानने में दिक्कत आती है. इसके अलावा शब्दों को लिखने व समझने के साथ-साथ गणित के सवाल भी समझ में नहीं आते हैं. डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अशोक कुमार मित्तल का कहना है कि यह काफी अच्छा प्रयास है. वर्तमान समय में ऐसी समस्या काफी बढ़ रही हैं, जिसके चलते बच्चों को इससे काफी फायदा मिलेगा. वहीं पूर्व मंत्री अरिदमन सिंह ने कहा कि वह स्वास्थ्य विभाग को भी लिखेंगे कि इस तरह के केंद्र सभी डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल व मेडिकल कॉलेज में होने चाहिए, जिससे कि वहां भी बच्चों की जांच हो सके.
टॉप 10 के चक्कर में लेते हैं तनाव
कुलपति प्रोफेसर अशोक कुमार मित्तल ने कहा कि वर्तमान समय में पढ़ाई का जिस तरह से दबाव बनाया जा रहा है, उसके चलते ऐसी समस्याएं अब सामने दिखने लगी हैं. टॉप आने की चाह में परिजन जबरदस्ती बच्चों पर दबाव बनाते हैं और शुरुआत से ही बच्चे पर इतना दबाब बन जाता है कि वह दिमागी रूप से कमजोर होने लगता है. लिहाजा ऐसे केंद्र उनकी काफी मदद करेंगे. वहीं चर्च ऑफ नॉर्थ इंडिया के विशप और कॉलेज के चेयरमैन पीपी हाबिल ने कहा कि कॉलेज का यह प्रयास काफी सराहनीय है. इससे बच्चों को काफी फायदा मिलेगा.
10 से 15 प्रतिशत स्कूली छात्र हैं ग्रसित