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'धारावी मॉडल' से ताजनगरी में कोरोना संक्रमण पर लगाया जा रहा ब्रेक

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Published : Aug 30, 2020, 7:30 PM IST

Updated : Aug 30, 2020, 7:52 PM IST

कोरोना महामारी का कहर जारी है. प्रतिदिन कोरोना संक्रमितों की बड़ी संख्या सामने आ रही है. उत्तर प्रदेश के आगरा में कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए अब मुम्बई के 'धारावी मॉडल' को अपनाया जा रहा है. पढ़ें पूरी खबर...

covid-19 in agra
आगरा में अपनाया जा रहा धारावी मॉडल

आगरा:दुनिया भर में कोरोना कहर बरपा रहा है. हर देश कोरोना की वैक्सीन बनाने में लगा है. कई देश वैक्सीन बनाने का दावा कर रहे हैं तो भारत में भी कोरोना वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल चल रहा है. उत्तर प्रदेश के आगरा में कोरोना का संक्रमण अपना कहर बरपा रहा है. आगरा में कोरोना संक्रमितों की संख्या 2634 हो गई है, जबकि जिले में 107 कोरोना पॉजिटिव की मौत हो चुकी है. जिले में अभी 155 कंटेनमेंट जोन हैं.

जिले में बढ़ते संक्रमण पर रोक लगाने के लिए मुम्बई के 'धारावी मॉडल' को अपनाया जा रहा है. ताजनगरी में भी 'धारावी' की तरह अब कोरोना संक्रमित के संपर्क में आए लोगों को एंटी फंगल और एंटी वार्म की दवा 'आइवरमेक्टिन' दी जा रही है. इस दवा के परिणाम भी बेहतर आ रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग ने दावा किया है कि जिले में कोरोना संक्रमण बढ़ने की दर पर अंकुश लगा है.

स्पेशल रिपोर्ट.

जानिए मुम्बई का 'धारावी मॉडल'
जब मुंबई में कोरोना का संक्रमण तेजी से बढ़ा. तब घनी मलिन बस्तियों में कोरोना विस्फोट होने पर संक्रमितों के संपर्क में आए लोगों को 'आइवरमेक्टिन टेबलेट' उपचार के लिए दी गई. एंटी फंगल और एंटी वार्म की यह टेबलेट इस संक्रमण को रोकने में कारगर साबित हुई और कोरोना संक्रमण की दर रुक गई. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कोविड-19 की महामारी से लड़ने के सफल प्रयोगों में एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी बस्ती धारावी की प्रशंसा की थी. कोरोना संक्रमण रोकने का 'धारावी मॉडल' ताजनगरी में बतौर ट्रायल शुरू किया गया था. जिसके बेहतर परिणाम आ रहे हैं.

क्या है 'आइवरमेक्टिन टैबलेट'
आइवरमेक्टिन दवा एंटी फंगल और एंटी वार्म है. चिकित्सक इस टैबलेट का दाद-खाज-खुजली से होने वाले पैरासाइट इंफेक्शन के इलाज में प्रयोग करते हैं. इसके अलावा इस टैबलेट का इस्तेमाल रिवर ब्लाइंडनेस, पेट के कीड़े मारने और जुएं मारने की दवा के तौर पर भी किया जाता है.

आइवरमेक्टिन टैबलेट.

कारगर साबित हो रही है दवा
विशेषज्ञ चिकित्सकों की मानें तो 'आइवरमेक्टिन दवा' कोरोना संक्रमण रोकने में कारगर साबित हो रही है. इससे वायरस संक्रमित मरीज के डीएनए से मिलकर अपनी संख्या को नहीं बढ़ा पाता है. इसलिए 'आइवरमेक्टिन दवा' कोरोना के इलाज में कारगर साबित हो रही है. अभी 'आइवरमेक्टिन दवा' गर्भवती महिलाएं, बच्चे और किशोरों को देने की अनुमति नहीं है.

पॉजिटिव मरीजों की संख्या में आई कमी
सीएमओ डॉ. आरसी पाण्डेय ने बताया कि इस दवा का नाम 'आइवरमेक्टिन' है. इस दवा को कोरोना संक्रमितों को देने पर कई जगह अच्छा परिणाम आ रहा है. हमने इसका ट्रायल किया है और बेहतर रिजल्ट भी आ रहे हैं. कोरोना संक्रमित के संपर्क में आए लोगों को इलाज के तौर पर या कहें सावधानी व बचाव के तौर पर उन्हें 'आइवरमेक्टिन' की एक टैबलेट तुरंत खिला देते हैं. 5 दिन बाद फिर उन्हें एक-एक टैबलेट रिपीट करा देते हैं. जिससे यह देखने को मिल रहा है कि ऐसे लोगों में पॉजिटिविटी रेट कम हो रही है.

कोविड अस्पतालों में अब कोरोना संक्रमित और उनके संपर्क में आए लोगों का इलाज अब हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन दवा के बजाय दाद-खाज-खुजली की दवा 'आइवरमेक्टिन' से किया जा रहा है. आगरा में बेहतर परिणाम आने पर योगी सरकार ने प्रदेश भर में इस दवा के उपयोग के आदेश जारी किए हैं.

Last Updated : Aug 30, 2020, 7:52 PM IST

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