आगरा:यूपी की कोरोना कैपिटल ताजनगरी में युवाओं की बेफिक्री घर के बुजुर्गों की जान पर भारी पड़ रही है. लॉकडाउन और अनलॉक-1 में बुजुर्गों के घर से बाहर निकलने पर पाबंदी है. मगर शहर के लापरवाह युवा अपने संग संक्रमण घर ले जा रहे हैं, जो गंभीर बीमारी से पीड़ित परिजन और बुजुर्गों को संक्रमित कर रहा है. यही वजह है कि अनलॉक-1 में बुजुर्गों के संक्रमित होने और संक्रमित बुजुर्गों की मौत का आंकड़ा बढ़ गया है. इससे आगरा से लखनऊ तक हड़कंप मचा हुआ है. सीएम योगी के भेजे नोडल अधिकारियों की रणनीति भी कोरोना संक्रमण और संक्रमितों की मौत रोकने में नाकाम साबित हो रही है. जिले के आंकड़ों पर नजर डालें, तो एक जून से 29 जून तक 44 कोरोना संक्रमितों की मौत हुई है.
ताजनगरी में कोरोना संक्रमितों की संख्या 28 जून तक 1210 हो गई थी और कोरोना पॉजिटिव की मौत का आंकड़ा 85 था. संक्रमितों के आंकड़ों को देखें, तो जिले में 21 साल से 40 साल तक के 524 कोरोना संक्रमित सामने आए हैं. 41 साल से 60 साल तक के 382 संक्रमित हुए हैं.
आंकड़ों पर सियासत और ट्वीट वार
नोडल अधिकारी प्रमुख सचिव एम देवराज ने एसएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराए गए 28 कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत की ऑडिट कराई. इन गंभीर कोरोना संक्रमित मरीजों की आइसोलेशन वार्ड में भर्ती करने के 48 घंटे में उपचार के दौरान मौत हुई थी. इसको लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया था, जिस पर प्रियंका गांधी और आगरा डीएम के बीच ट्विटर वार छिड़ गई.
कंटेनटमेंट की निगरानी छह आईएएस के हवाले
कोरोना संक्रमण और कोरोना संक्रमित की मौत को लेकर जिले में 6 आईएएस अधिकारियों को कंटेनमेंट जोन की व्यवस्थाओं की कमान सौंपी गई है. इन अधिकारियों को कंटेंटमेट जोन का निरीक्षण करके ठोस रणनीति बनानी है. यह छह आईएएस सीडीओ जी रीभा, ज्वांइट मजिस्ट्रेट डॉ नंदकिशोर, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट अमित काले, एसडीएम अरूण मोझी, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट अरुण कौशिक और ज्वाइंट मजिस्ट्रेट सौरभ गंगवार हैं.
कोमार्विड मरीज बने मुश्किल
सीएमओ आरसी पाण्डेय ने बताया कि आगरा में मरने वाले कोरोना संक्रमितों में अधिकतर मरीज कोमार्विड हैं. यानी ऐसे मरीज जो पहले से ही टीबी, सांस की बीमारी, दिल की बीमारी, डायबिटीज की बीमारी और अन्य तमाम गंभीर बीमारियां से पीड़ित हैं. ऐसे गंभीर मरीज यदि कोरोना संक्रमित हो रहे हैं, तो उनका सरवाइव करना और मरीजों की अपेक्षा कम है.
देरी से आ रहे गंभीर मरीज
एसएन मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. संजय काला ने बताया कि मौत के आंकड़े बढ़ने की अहम वजह यह है कि जो मरीज एसएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराए जा रहे हैं. वे मरीज देरी से आए हैं. इसलिए उन्हें बचाने में के लिए समय नहीं मिला. इनमें तमाम मरीज वेंटिलेटर पर आए या इन्हें आते ही वेंटिलेटर पर रखना पड़ा. और कई ऐसे भी मरीज आ रहे हैं, जो कोरोना संक्रमण के साथ ही अन्य बिमारियों से भी ग्रसित हैं. इसलिए मौत का आंकड़ा बड़ा है.
टेस्टिंग में देरी से दम तोड़ रहे कोरोना संक्रमित
स्थानीय निवासी चंद्रमोहन जैन का कहना है कि आगरा में कोरोना की टेस्टिंग ना के बराबर हो रही हैं. फिर भी संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ रही है. यदि सही तरह से टेस्टिंग करा दी जाए तो आगरा में कोरोना का बम विस्फोट हो जाएगा. जिले में जो रोज दो कोरोना संक्रमितों की मौत हो रही है. उसकी मुख्य वजह समय पर जांच नहीं होना है और जांच रिपोर्ट का देरी से भी आना है. इसलिए कोरोना संक्रमित दम तोड़ रहे हैं.
आगरा डीएम शून्य
युवा कांग्रेस के प्रदेश सचिव अनुज शिवहरे ने बताया कि आगरा में हालात गंभीर है. आगरा की जनता भयभीत है, प्रताड़ित हो रही हैं. लोगों का घरों से नहीं निकलना उचित नहीं हैं. आगरा में खेती भी महामारी की वजह से नहीं हो रही.
संक्रमण और मृत्युदर यूं बढ़ा
- अनलॉक-1 बाहर निकल रहे युवाओं से बुजुर्ग हुए संक्रमित. संक्रमण तो बढ़ा, मगर पूल टेस्टिंग कराने में देरी की गई.
- गलत जानकारियां देकर गुमराह कर रहे हैं संक्रमित.