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आगरा: 'दीपक' को देखकर राहुल चाहर ने थामी गेंद और बन गए इंटरनेशनल क्रिकेटर - आगरा खबर

उत्तर प्रदेश के आगरा के चाहर ब्रदर्स अपनी धमक से इंडियन क्रिकेट टीम में धूम मचा रहे हैं. ईटीवी भारत ने आगरा की शान इंटरनेशनल क्रिकेटर राहुल चाहर के बारे में पिता देशराज चाहर से विशेष बातचीत की.

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ईटीवी भारत ने इंटरनेशनल क्रिकेटर राहुल चाहर के पिता देशराज चाहर से की खास बातचीत.

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Published : Dec 5, 2019, 9:17 AM IST

आगरा:ताजनगरी की शान चाहर ब्रदर्स अपनी धमक से इंडिया क्रिकेट टीम में धूम मचा रहे हैं. राहुल चाहर के क्रिकेटर बनने की कहानी फिल्मी लगेगी, लेकिन यह हकीकत है. बड़े भाई दीपक चाहर को देख कर राहुल चाहर ने गेंद और बैट थामा. अपनी जी-तोड़ मेहनत और लगन से राहुल लेग स्पिन गेंदबाजी में माहिर हो गए. जो बड़े से बड़े बल्लेबाज को अपनी फिरकी में फंसा सकते हैं. राहुल आईपीएल में डेब्यू करने वाले तीसरे कम उम्र के क्रिकेटर हैं. ईटीवी भारत ने ताजनगरी की शान राहुल चाहर के इंटरनेशनल क्रिकेटर बनने तक के सफर के बारे में पिता देशराज चाहर से विशेष बातचीत की.

ईटीवी भारत ने इंटरनेशनल क्रिकेटर राहुल चाहर के पिता देशराज चाहर से की खास बातचीत.

राहुल कैसे क्रिकेटर बने
देशराज चाहर ने बताया कि, बड़े भाई लोकेंद्र चाहर एकेडमी में दीपक चाहर की प्रैक्टिस कराते तो राहुल चाहर उन्हें देखता था. वह छोटा था. एक दिन राहुल के दीपक चाहर को देखने पर कर भाई लोकेंद्र चाहर ने राहुल को भी क्रिकेटर बनाने की बात कही. बड़े भाई ने मेरी मुंह की बात कह दी. वह भले ही इंटरनेशनल क्रिकेट नहीं खेले, लेकिन उनकी पारखी नजर है. इसके बाद राहुल क्रिकेट के मैदान में उतरा. उसने दीपक चाहर के साथ बड़े भाई लोकेंद्र चाहर की देखरेख में क्रिकेट की बारीकियां सीखने लगा.

राहुल चाहर कम उम्र में डेब्यू करने वाले तीसरे क्रिकेटर
पिता देशराज चाहर ने बताया कि, हर मां बाप का सपना होता है कि बच्चे कैरियर में बहुत अच्छा काम करें. राहुल जब 8 साल का था तब उसने क्रिकेट खेलना शुरू किया था. 10 साल की उम्र में राहुल बड़े-बड़े टूर्नामेंट में जाकर खेलने लगा था. जब राहुल 16 साल का था तब उसका रणजी ट्रॉफी में डेब्यू हुआ था. फिर उसके अगले साल 17 साल की उम्र में राहुल का आईपीएल में डेब्यू हुआ. अंडर-19 इंडिया भी इसी साल खेला. सन 2016 हमारे लिए लकी रहा.

राहुल का यादगार मैच
पिता देशराज चाहर ने बताया कि, ऐसी कई मैच है जिनमें राहुल ने शानदार प्रदर्शन किया. जब राहुल ने क्रिकेट खेलना स्टार्ट किया था. तब राहुल 10 साल का था, उस समय आगरा कॉलेज ग्राउंड पर एक बड़ा टूर्नामेंट था. इस टूर्नामेंट में रणजी ट्रॉफी में खेलने वाले खिलाड़ी भी आए थे. राहुल ने अपनी फिरकी में फंसा कर तीन विकेट चटकाए थे. राहुल ने अंडर-16 में राजस्थान की ओर से खेलते हुए, शानदार प्रदर्शन किया और 8 विकेट लिए थे. इसके साथ ही श्रीलंका के खिलाफ खेलते हुए राहुल ने आठ विकेट लिए थे और 84 रन भी बनाए थे.

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धोनी की नजर पारखी है, राहुल और दीपक का किया मार्गदर्शन
देशराज चाहर ने बताया कि, भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की पारखी नजर है. वह नए खिलाड़ियों को काफी सपोर्ट करते हैं. आईपीएल में राहुल और दीपक दोनों पुणे की टीम से खेल रहे थे. उस समय महेंद्र सिंह धोनी कप्तान थे. बाद में फिर कप्तान बदले. लेकिन उस दौरान राहुल से धोनी इस तरह से व्यवहार करते थे, कि वह उनके साथ खेले. धोनी उन्हें गाइड और सपोर्ट किया. राहुल और दीपक के करियर में धोनी की अहम भूमिका है.

चहल से राहुल की टक्कर
राहुल के पिता देशराज चाहर ने बताया कि, वैसे तो देश में जितने भी लेग स्पिनर हैं, वे सभी राहुल के कॉम्पटीटर हैं. लेकिन अभी बात की जाए तो राहुल की टक्कर सिर्फ लेग स्पिनर चहल से है. दोनों एक दूसरे से कॉम्पटीटर है.

एक का सपना था, मगर दो इंटरनेशनल क्रिकेटर
राहुल चाहर के पिता देशराज चाहर ने बताया कि बड़े भाई लोकेंद्र चाहर पहले दीपक चाहर को लेकर बहुत गंभीर थे. और उसे इंडियन क्रिकेट टीम के लिए तैयार कर रहे थे. उसकी तैयारी बहुत अच्छी थी. राहुल भी दीपक चाहर को देखकर क्रिकेटर बना और आज दोनों भाई इंडिया टीम में खेलते हैं. परिवार के लिए बहुत ही खुशी का दिन है. क्योंकि एक बेटे के इंडियन क्रिकेट टीम में शामिल होने का जो सपना देखा था, लेकिन अब तो दो बेटे इंडियन टीम में खेलते हैं. यह चाहर परिवार के लिए बहुत ही खुशी की बात है.

राहुल चाहर का परिवार
पिता देशराज चाहर ने बताया कि वे रियल स्टेट का कारोबार करते हैं. परिवार में पत्नी, एक बेटी और बेटा राहुल है. बेटी पढ़ाई कर रही है, जबकि समय के अभाव में और क्रिकेट टूर्नामेंट में व्यस्त रहने से राहुल की पढ़ाई अभी अधूरी है.

ताजनगरी के दो भाई इंडियन क्रिकेट टीम चुनें जाते हैं तो परिवार का सीना खुशी से चौड़ा हो जाता है. जिस परिवार ने दीपक चाहर को इंटरनेशनल क्रिकेटर बनाना का सपना देखा था, आज दो बेटे एक साथ इंडियन क्रिकेट टीम में खेलते हैं.

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