आगरा:कोरोना माहमारी के बाद अब मौसमी बीमारियां लोगों के लिए काल बन कर उभरी हैं. आगरा के पड़ोसी जिले फिरोजाबाद ओर मथुरा में डेंगू के कारण न जाने कितने घरों के चिराग बुझ चुके हैं. जिसकी रोकथाम को लेकर योगी सरकार तमाम तरीके अपनाने के दावे कर रही है. उन दावों की जमीनी हकीकत जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम ने आगरा की सबसे बड़ी स्लम बस्ती संत रविदास नगर का हाल जानने की कोशिश की.
सरकारी दावों की निकली हवा, आगरा के स्लम एरिया में डेंगू का प्रकोप
फिरोजाबाद ओर मथुरा में डेंगू के प्रकोप के बाद आगरा में भी हालत खराब हो रहे हैं.आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज में लगातार डेंगू रोगियों की संख्या में इजाफा हो रहा है. प्रशासन के अनुसार शहर में डेंगू से बचाव के लिए युद्धस्तर पर काम चल रहा है. जिसकी जमीनी हकीकत जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम ने एक मलिन बस्ती का रियलिटी चेक किया. जिसमें दावों की पोल खुल गई.
ईटीवी भारत की टीम ने यहां लोगों से बात की जिसमें लोग अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर परेशान नजर आये. बिजली घर स्थित इस रविदास नगर में तकरीबन 500 से अधिक झुग्गी-झोपड़ियां हैं. जिनमें सैकड़ों गरीब परिवार निवास करते हैं. स्थानीय लोगों ने बताया कि यहां आज तक डेंगू के प्रकोप से सुरक्षित रखने के लिए न कोई जागरूकता कैम्प लगाया गया है न ही एंटी लार्वा का छिड़काव हुआ है. बस्ती में बीते 20 दिनों में कई बच्चे बुखार की चपेट में भी आये हैं. जिन्हें आज तक कोई सरकारी मदद नहीं मिली. जिसे लेकर बस्ती के अधिकांश लोग हताश हैं. उनका कहना है कि यहां कोई प्रशासनिक अधिकारी भी नहीं आता. अधिकारियों की लापरवाही का खामियाजा हम सबको भुगतना पड़ता है.