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आगरा में पार्ट टाइम जॉब बताकर ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़

यूपी के आगरा में साइबर सेल ने पार्ट टाइम जॉब और फ्रेंडशिप के विज्ञापन देकर ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है. इस मामले में सेल ने 13 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है.

ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़.

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Published : Oct 25, 2019, 8:42 AM IST

आगरा: जिले में साइबर सेल ने पार्ट टाइम जॉब और फ्रेंडशिप के विज्ञापन देकर ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है. इस मामले में सेल ने 13 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है. आरोपियों के पास से कई मोबाइल, आधार कार्ड, लैपटॉप और एटीएम बरामद हुए हैं. गिरोह के लोग भले ही ग्रामीण क्षेत्रों के हैं पर सभी पढ़े लिखे हैं. पुलिस के अनुसार उन्होंने ऐसे 22 गांव को चिन्हित किये हैं, जहां इस तरह कॉल सेंटर चलाकर ठगी की जा रही है.

ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़.

साइबर सेल ने गिरोह को धरा
थाना सदर पुलिस और साइबर सेल ने मिलकर दूसरे राज्यों में पार्ट टाइम जॉब और फ्रेंडशिप के विज्ञापन देकर ठगी करने वाले गिरोह के 13 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है. आरोपियों के पास से कई मोबाइल, आधार कार्ड, लैपटॉप और एटीएम बरामद हुए हैं. गिरोह के लोग भले ही ग्रामीण क्षेत्रों के हैं, पर सभी पढ़े लिखे हैं. पुलिस के अनुसार उन्होंने ऐसे 22 गांव और चिंहित किए हैं, जहां इस तरह कॉल सेंटर चलाकर ठगी की जा रही है.

पार्ट टाइम जॉब का झांसा
आगरा पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल करते हुए साइबर ठगों के गिरोह का पर्दाफाश किया है. पुलिस के अनुसार पकड़े गए आरोपी गुजरात, महाराष्ट्र आदि राज्यों में जाकर सोशल मीडिया और अखबार के माध्यम से पार्ट टाइम जॉब और फोन पर दोस्ती का विज्ञापन देते थे, जिस राज्य का विज्ञापन होता था उसी राज्य के सिम लेकर आगरा आ जाते थे और यहां सदर क्षेत्र में बने अपने कॉल सेंटर से ऑपरेट करते थे.

रजिस्ट्रेशन के नाम पर 600 से 3000 रुपये
विज्ञापन देखकर जो लोग फोन करते थे, उनसे रजिस्ट्रेशन आदि के नाम पर 600 से 3000 रुपये तक जमा करवाते थे और एक निश्चित तारीख पर काम मिलने की बात कहते थे. तय तारीख से पहले ही सिम बन्द कर दिए जाते थे और इतने कम पैसों के लिए कोई भी उनकी शिकायत तक दर्ज नहीं करवाता था. इसके साथ ही एडकॉम नामक कंपनी के मोबाइल जिनमें साफ्टवेयर की मदद से पुरुष अपनी आवाज बदलकर लड़की की आवाज में बात कर सकता है, उसके माध्यम से लड़कों से लुभावनी बाते करके उनसे पैसे ऐंठते थे.

ग्रामीणों से भी करते थे ठगी
इस तरह के पैसे लेने के लिए चूंकि खाता नम्बर की जरूरत होती थी तो वे ग्रामीणों से उनका खाता और रजिस्टर्ड मोबाइल नम्बर पैसे देकर किराए पर लेते थे और डिजिटल मनी ऐप के माध्यम से पैसा खातों से निकाल कर उपयोग करते थे.

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पकड़े गए आरोपियों में कुछ बीटेक हैं और एक कि नौकरी आरपीएफ में लग गई थी. यह देहात या फिर शहर क्षेत्रों में कॉल सेंटर बनाकर वारदातों को अंजाम देते थे. गिरोह का सरगना रामब्रज और सचिन फरार हैं. ऐसे कई गिरोह नजर में हैं और जल्द उन सबको भी गिरफ्तार कर जेल भेजा जाएगा.
-बबलू कुमार, एसएसपी

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