डीसीपी सिटी सूरज राय ने बताया. आगरा: ताजनगरी के हाई प्रोफाइल चर्चित सचिन उपाध्याय हत्याकांड में पुलिस जैसे-जैसे जांच का दायरा बढ़ाती जा रही है, वैसे-वैसे हत्या से जुड़े कई राज का पर्दाफाश होता जा रहा है. सचिन की हत्या में नामजद आरोपी पत्नी प्रियंका ने ससुरालीजनों पर दहेज उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज कराया था. पुलिस फरार प्रियंका की तलाश कर रही है.
फरार हत्यारोपी पत्नी प्रिंयका रावत. सचिन का साला जेल में
आगरा कलक्ट्रेट बार के अध्यक्ष बृजेंद्र रावत पर सचिन उपाध्याय की हत्या मामले में संकट के बादल मंडरा रहे हैं. पुलिस नामजद आरोपियों की तलाश में जुटी है. साक्ष्यों के आधार पर ताजगंज पुलिस सचिन के साले कृष्णा रावत को पहले ही जेल भेज चुकी है. लेकिन, प्रियंका अस्पताल से पुलिस को चकमा देकर 13 अक्टूबर से फरार चल रही है. आगरा पुलिस प्रियंका की तलाश में लगातार छापेमारी कर रही है. लेकिन, उसका कहीं कोई सुराग नहीं मिल रहा है.
पत्नी ने हत्या को बताया आत्महत्या
इस हत्याकांड के मामले में डीसीपी सिटी सूरज राय ने कहा कि ताजगंज क्षेत्र के रामरघु एग्जॉटिका में 11 अक्टूबर को सचिन का शव बरामद हुआ था. लेकिन, पुलिस को 12 अक्टूबर को मामले की जानकारी दी गई. मामला आत्महत्या का बताया गया था. बाद में पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि सचिन को बुरी तरह टॉर्चर करके मौत के घाट उतारा गया है. साथ ही रिपोर्ट के अनुसार, उसके प्राइवेट पार्ट पर भी चोट के गहरे निशान पाए गए थे.
कलेक्ट्रेट बार के अध्यक्ष बृजेन्द्र रावत. अस्पताल से प्रियंका हुई फरार
सचिन के परिजनों ने पत्नी, साले और ससुर के खिलाफ हत्या का नामजद मुकदमा दर्ज कराया था. सचिन के घर पर पुलिस को कई ऐसे साक्ष्य मिले थे, जिसे जानबूझकर मिटाने की कोशिश की गई थी. पुलिस सभी अहम साक्ष्यों को कब्जे में लेकर जांच-पड़ताल कर रही थी. वहीं, सचिन की पत्नी की तबीयत खराब होने की वजह से उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां से वह फरार हो गई. जांच के आधार पर उसे नोटिस जारी किया गया था. लेकिन, प्रियंका हाजिर नहीं हुई. पुलिस लगातार प्रियंका की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है.
घर में मिले हत्या के सबूत
पुलिस की प्रारंभिक जांच और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, 11 अक्टूबर को सचिन की मौत हो चुकी थी. क्राइम सीन पर पुलिस को टूटी हुईं चूड़ियां, टूट हुआ वॉशबेसन और धुली हुई बेडशीट मिली. बेडशीट पर खून के धब्बे थे. सचिन के दम तोड़ने के दौरान साला कृष्णा रावत भी घर आया था. उसकी मौजूदगी सोसायटी में लगे सीसीटीवी में कैद हुई है. सचिन की मौत के बाद उसकी लाश को प्रियंका ने एक कमरे में बंद कर दिया था.
नौकरानी के शक को किया दूर
प्रियंका ने उस दिन घर की नौकरानी को उस कमरे को साफ करने से मना कर दिया था. रोज की तरह प्रियंका ने पति सचिन और अपने खाने के लिए नौकरानी से खाना भी बनवाया था. पुलिस को घर की रसोई में पूरा खाना रखा मिला था. किसी ने खाना खाया भी नहीं था. ये सब सिर्फ नौकरानी के शक को दूर करने के लिए प्रियंका ने कहानी रची. घर के कमरे में सचिन की लाश 24 घंटे तक रखी रही. शव से बदबू आने पर और भेद खुलने के डर से पुलिस को एक दिन बाद आत्महत्या की जानकारी दी गई.
दहेज उत्पीड़न का केस खत्म
पुलिस ने बैंक प्रबंधक सचिन उपाध्याय के परिवार पर पत्नी प्रियंका की शिकायत पर दर्ज दहेज उत्पीड़न के मुकदमे को बुधवार को खत्म कर दिया. वहीं, सचिन के परिवार ने पुलिस की जांच पर भी कई सवाल खड़े किए हैं. परिजन सभी नामजद आरोपियों की गिरफ़्तारी की मांग कर रहे हैं. इसमें कलक्ट्रेट बार के अध्यक्ष बृजेन्द्र रावत और प्रियंका भी नामजद हैं. वहीं, पुलिस ने क्राइम सीन दोहराने की बात कही थी. वह भी नहीं हुआ. फरार आरोपियों के कोर्ट से वारंट जारी कराने में भी पुलिस ने कोई रुचि नहीं दिखाई. इससे पुलिस की जांच को सचिन के परिजनों ने कठघरे में लाकर खड़ा कर दिया है. वहीं, प्रियंका के फरार होने पर भी परिवार पुलिस से नाराज है.
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