आगरा :एपी एक्सप्रेस में सफर कर रहे 1800 यात्रियों की जान जोखिम में डालने का मामला सामने आया है. चीफ लोको इंस्पेक्टर (सीएलआई) ने लोको पायलट को हटाकर खुद एपी एक्सप्रेस को दौड़ाई. आरोप है कि, सीएलआई फरह से आगरा कैंट स्टेशन तक एपी एक्सप्रेस को चलाकर ले गए. ट्रेन के लोको पायलट ने सीएलआई की लिखित शिकायत की है. मामला सामने आने पर डीआरएम न पूरे मामले की जांच के आदेश दिए हैं.
सात जुलाई का है मामला :मामला सात जुलाई 2023 का है. नई दिल्ली से विशाखापट्टनम जाने के लिए एपी एक्सप्रेस चली थी. एपी एक्सप्रेस को झांसी डिवीजन के एलपीएम डीके कंचन चला रहे थे. इसके अलावा सहायक लोको पायलट अनिल कुमार कुशवाह भी थे. दोनों लोको पायलटों के साथ ही इंजन की केबिन में आगरा डिवीजन की निगरानी के लिए सीएलआई नवल किशोर भी मौजूद थे. लोको पायलट डीके कंचन ने बताया कि, फरह और कीथम के बीच लाल सिग्नल दिखाई देने पर ब्रेक लगाकर ट्रेन को रोक दिया गया. इस बीच सिग्नल पीला हो गया. आपातकाल ब्रेक से ट्रेन का प्रेशर डाउन हो गया. लोको पायलट और सहायक लोको पायलट ने झांसी डिवीजन के वरिष्ठ मंडल विद्युत अभियंता को लिखित शिकायत दी है. आरोप है कि, एपी एक्सप्रेस का प्रेशर डाउन होने के बाद सीएलआई नवल किशोर ने जबरन उन्हें सीट से हटा कर खुद ट्रेन चलाई, रोकने पर भी नहीं माने.
मोबाइन छीनने का आरोप : लोको पायलट डीके कंचन का आरोप है कि, जब उसने बैग से मोबाइल निकाला तो सीएलआई नवल किशोर ने मोबाइल छीनकर डेस्क पर रख दिया. इस तरह सीएलआई आगरा कैंट तक एपी एक्सप्रेस को चलाकर लाया. लोको पायलट डीके कंचन ने यह भी दावा किया है कि, एपी एक्सप्रेस में लगे सीसीटीवी कैमरे की रिकार्डिंग निकलवा कर उसकी शिकायत की सत्यता की जांच कर सकते हैं.