आगराः शहर में एक साल में लूट और डकैती की 140 घटनाएं हुईं हैं मगर साइबर ठगी (Cyber Fraud) की 1600 वारदातें हुईं. आगरा की साइबर सेल का अनुमान है कि हर साल साइबर अपराधी अलग-अलग तरीकों से आगरा (Agra) वालों से करीब 20 करोड़ रुपये की ठगी करते हैं. जिले में अब साइबर क्राइम के शिकार पीड़ितों को साइबर सेल, साइबर थाना और पुलिस के पास चक्कर नहीं लगाने होंगे. हर थाने में तहरीर पर मुकदमा दर्ज होगा. रविवार को आगरा पुलिस कमिश्नर डॉ. प्रीतेन्दर सिंह ने पुलिस की साइबर कॉमिक्स (Cyber Comics) भी लांच की. इसमें साइबर क्राइम के तरीकों से बचने के उपाय बताए गए.
Agra में हर साल 20 करोड़ की साइबर ठगी, अब पुलिस की कॉमिक्स बताएगी बचाव
आगरा (Agra) में हर साल 20 करोड़ की साइबर ठगी होती है. ऐसे में साइबर ठगी (Cyber Fraud) से बचाव के लिए पुलिस (Police) ने साइबर कॉमिक्स (Cyber Comics) लांच की है. चलिए जानते हैं इस बारे में.
By ETV Bharat Uttar Pradesh Team
Published : Oct 9, 2023, 8:31 AM IST
बता दें कि आगरा पुलिस कमिश्नरेट की ओर से पुलिसकर्मियों को साइबर क्राइम का प्रशिक्षण दिया गया. इसमें साइबर सेल के विशेषज्ञों ने पुलिस को बताया कि अब इन मामलों की अगर साइबर सेल ही जांच करे तो काम नहीं चलेगा. साइबर क्राइम ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है. अब हर शिकायत पर मुकदमें की जरूरत है इसलिए, थानों में आने वाले साइबर क्राइम के प्रार्थना पत्र पर मुकदमे लिखे जाएं. इन मुकदमों की विवेचना कैसे करनी है, साक्ष्य कैसे जुटाने हैं, आरोपियों तक कैसे पहुंचना है व फ्राइनेंशियल फ्रॉड पर खाते कैसे ब्लॉक कराने है इस बारे में साइबर सेल प्रशिक्षण देगी.
साइबर सेल ने प्रशिक्षण कैंप में साइबर क्राइम के आंकड़े पेश किए. इसमें बताया कि साइबर क्रिमिनल हर साल घंटे में आगरा के एक व्यक्ति को शिकार बना रहे हैं. जिले में शनिवार और रविवार को अधिक वारदात होती हैं क्योंकि, साइबर क्रिमिनल बैंक की छुट्टी के दिन वारदात करते हैं जिससे ज्यादा से ज्यादा रकम हडप सकें. इतना ही नहीं, साइबर अपराधी हर पंद्रह दिन में वारदात करने का अपना तरीका बदल देते हैं.
बता दें कि आगरा में जिस तरह से साइबर क्राइम का ग्राफ बढ रहा है. उसको लेकर अधिकारी भी चिंतित हैं. आगरा पुलिस कमिश्नरेट में अभी साइबर सेल है जो साइबर है, वो रेंज स्तर का है. वहां पर पांच लाख और उससे ऊपर वाले ठगी के मामले जाते हैं. आगरा पुलिस कमिश्नर डाॅ. प्रीतेंदर सिंह ने बताया कि कमिश्नरेट के प्रत्येक थाना में जल्द से जल्द साइबर हेल्प डेस्क खेाली जाएगी. पुलिस थाना में तैनात प्रत्येक पुलिस कर्मी प्रशिक्षित होगा. थाने पर पहुंचने वाले साइबर क्राइम के पीड़ित की सुनवाई हो. जरूरत पड़ने पर साइबर सेल की मदद ली जाए. इतना ही नहीं, कमिश्नरेट में जल्द ही एक नया साइबर क्राइम थाना भी खोला जाएगा.
ऐसे बचें साइबर फ्रॉड से
- अनजान लिंक पर क्लिक न करें.
- नेट बैंकिंग को सार्वजनिक कंप्यूटर का प्रयोग नहीं करें.
- नेट बैंकिंग का पासवर्ड किसी को ना बताएं.
- नेट बैंकिंग का पासवर्ड समय समय पर बदलते रहें.
- इंटरनेट बैंकिंग के बाद ईमेल अकाउंट लॉगआउट जरूर करें.
- लॉग इन करने के बाद कंप्यूटर के कीप ओन लागिंग या पासवर्ड रिमेम्बर वाले लिंक पर क्लिक न करें.
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