आगरा:ताजनगरी में बहुचर्चित युवती का अपहरण कर गैंगरेप मामले में विवेचना करने वाला दारोगा फंस गया है. आरोप है कि केस से दारोगा ने गैंगरेप और अपहरण की धारा हटा दी थी. पीड़िता की शिकायत पर डीसीपी सिटी सूरज राय ने शनिवार को दारोगा शिव मंगल सिंह को निलंबित कर दिया. जबकि, ट्रांस यमुना थाना के एसओ के खिलाफ भी आगरा पुलिस कमिश्नर डॉ. प्रीतिंदर सिंह को रिपोर्ट भेजी गई है.
17 जून 2023 को ट्रांस यमुना थाना क्षेत्र की रहने वाली एक युवती अचानक लापता हो गई थी. इस मामले में 12 जुलाई को युवती की मां ने ट्रांस यमुना थाना में कोचिंग संचालक सहित 3 लोगों के खिलाफ अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया था. मुकदमा दर्ज होने के 3 दिन बाद युवती घर लौट आई थी. युवती ने परिजनों को अपने अपहरण और गैंगरेप की आपबीती सुनाई. युवती की आपबीती सुनकर परिजन हैरान रह गए थे. इस मामले में पीड़िता के परिवार ने पुलिस से युवती का 164 का बयान दर्ज कराने के लिए कहा तो पुलिस 164 के बयान दर्ज कराने से मुकर गई. मामले की शिकायत करने पर दारोगा शिव मंगल सिंह ने सितंबर में युवती का बयान दर्ज कराया. इसके बाद 5 सितंबर को बयानों का अवलोकन कर मुकदमे में धारा 376-D की धारा बढ़ा दी.
बयान के बाद भी दारोगा ने धारा हटाई
युवती के अपहरण और गैंगरेप के मामले में 164 के बयान के बाद पुलिस ने एक आरोपी का नाम बढ़ा दिया. इसके बाद भी नए साक्ष्य संकलित किए बगैर ही 6 अक्टूबर 2023 को चार्जशीट एसीपी छत्ता को सौंप दी. इसमें से दारोगा ने अपहरण और गैंगरेप की धारा हटा दी थी. चार्जशीट जानलेवा हमला और गाली गलौज की थी. इस पर एसीपी ने दारोगा को बुलाया तो उसने तर्क दिया कि युवक-युवती में झगड़ा हुआ था. यह घटनाक्रम पुराना था. धारा हटाने के पीछे दारोगा के पास कोई ठोस साक्ष्य और आधार नहीं था.