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क्रिकेटर दीपक चाहर ने भालू देखकर भावुक हुए - माॅडल मालती चाहर

भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज दीपक चाहर अपनी बहन माॅडल मालती चाहर के साथ आगरा में स्थित भालू संरक्षण केंद्र पहुंचे. दीपक चाहर ने संरक्षण केंद्र में मौजूद बचाए गए डांसिंग भालुओं की देखभाल के प्रयासों के बारे में जानकारी ली.

cricketer deepak chahar
क्रिकेटर दीपक चाहर.

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Published : Feb 26, 2021, 9:27 PM IST

आगराः भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज दीपक चाहर अपनी बहन माॅडल मालती चाहर के साथ आगरा-दिल्ली हाईवे स्थित दुनिया के सबसे बड़े स्लाॅथ भालू के संरक्षण केंद्र पहुंचे. दीपक चाहर ने संरक्षण केंद्र में मौजूद बचाए गए डांसिंग भालुओं की देखभाल के प्रयासों के बारे में जानकारी ली. दीपक ने पुनर्वास केंद्र में मौजूद भालुओं के बारे में जाना. इस दौरान भालुओं को देखकर दीपक चाहर भावुक हो गए.

क्रिकेटर दीपक चाहर अपनी बहन माॅडल मालती के साथ.

संरक्षण केंद्र में 130 भालू
बता दें कि आगरा-दिल्ली हाईवे स्थित कीठम में उत्तर प्रदेश वन विभाग के सहयोग से वाइल्डलाइफ एसओएस की ओर से भालू संरक्षण केंद्र संचालित किया जा रहा है. इसमें वर्तमान में लगभग 130 भालू हैं. क्रिकेटर दीपक चाहर ने पूरे देश में वाइल्डलाइफ एसओएस द्वारा किए जा रहे संरक्षण कार्यों की सराहना की. भाई और बहन ने पशु चिकित्सकों और कर्मचारियों से भालुओं की देखभाल और डाइट चार्ट की जानकारी ली.

दीपक ने भालुओं की देखभाल का हाल
दीपक चाहर ने कहा कि केंद्र का दौरा करने और भालुओं के बारे में अधिक जानने का एक शानदार अनुभव रहा. वाइल्डलाइफ एसओएस का कार्य सराहनीय है. भालुओं की देखभाल करने में कठिन परिश्रम करती है. वाइल्ड लाइफ एसओएस की ओर से भारत में भालुओं के शोषण को समाप्त करने और डांसिंग भालू के व्यापार से 600 से अधिक भालुओं को बचाने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जाना जाता है. आगरा भालू रेस्क्यू फैसिलिटी दुनिया की सबसे बड़ी स्लॉथ भालू रेस्क्यू फैसिलिटी है.

संस्थान के लिए खुशी का दिन
वाइल्डलाइफ एसओएस के सह संस्थापक और सीईओ कार्तिक सत्यनारायण ने कहा कि दीपक चाहर जैसे क्रिकेटर का पुनर्वास केंद्र का दौरा करने से भारत में वन्यजीव संरक्षण के हमारे प्रयासों को और बढ़ावा मिलेगा. वाइल्डलाइफ एसओएस की सहसंस्थापक और सचिव गीता शेषमणि ने बताया कि कि दीपक चाहर जैसे युवा क्रिकेटर संरक्षण केंद्र में आए और भारत में वन्यजीवों की रक्षा के लिए काम कर रही संस्था वाइल्डलाइफ एसओएस के प्रयासों के बारे में जानकारी ली.

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