आगराःशहर में अब अनचाहे बच्चों का लालन-पालन हो सकेगा. उन्हें यूं ही सड़क पर फेंके जाने से बचाया जाएगा. इसके लिए एसएन अस्पताल में राज्य सरकार की मदद से 'पालना आश्रय स्थल' केंद्र की शुरुआत होने जा रही हैं.
22 अप्रैल से महिला अस्पताल में खुलने वाले 'पालना आश्रय स्थल' केंद्र पर अनचाहे बच्चों को सुरक्षित छोड़ा जा सकेगा. यहां ऐसे बच्चों का लालन-पालन किया जाएगा. बताया गया कि इसका शुभारंभ महिला एवम बाल विकास मंत्री बेबी रानी मौर्या करेंगी.
आगरा में अनचाहे बच्चों को मिलेगा पालना, ऐसे होगा लालन-पालन - आगरा की ताजी खबर
आगरा में अनचाहे बच्चों का लालन-पालन हो सकेगा. चलिए जानते हैं इस बारे में.
यह जानकारी बुधवार को एसएन मेडिकल के गेस्ट हाउस में आयोजित वार्ता में संस्था संचालक योगगुरु देवेन्द्र अग्रवाल ने दी. उन्होंने बताया कि 'पालना आश्रय स्थल' की शुरुआत आज से करीब 18 साल पहले हुई थीं. इसका मुख्य उद्देश्य अनचाहे और अनैतिक संबंधों से पैदा नवजातों को दर्दनाक मौत से बचाना था. अब तक पूरे देश में संस्था 71 पालना केंद्रों की शुरुआत कर चुकी है. उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले और मेरठ में पहले ही 'पालना आश्रय स्थल' केंद्र की शुरुआत हो चुकी है. अब आगरा में इसकी शुरूआत होने जा रही है.
योग गुरु देवेन्द्र अग्रवाल ने बताया कि नूरी दरवाजा स्थित लेडी लॉयल अस्पताल में 22 अप्रैल से 'पालना आश्रय स्थल' केंद्र की शुरुआत हो जाएगी.अस्पताल के गेट पर एक ऑटोमेटिक पालना लगाया जाएगा. बच्चे को पालने में रखने के 2 मिनट बाद अस्पताल के काउंटर पर लगी घंटी बजने लगेगी. इससे पालने में बच्चे को छोड़ने वाली मां और पिता अपने बच्चे की सुरक्षा से संतुष्ट हो सकें. जो भी बच्चे को पालने में छोड़ कर जाएगा उसकी पहचान गोपनीय रखी जाएगी. देवेन्द्र अग्रवाल ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जनपद गोरखपुर में 'पालना आश्रय स्थल' की शुरुआत की गई थीं. इसके बाद मेरठ में दूसरा पालना लगाया गया. कुछ महीने पूर्व गोरखपुर के 'पालना' में एक मां द्वारा त्यागी हुई नवजात बच्ची मिली थीं. उसे संस्था ने बड़े दुलार और प्यार से रखा.
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