आगरा:किले के दीवान-ए-आम में G20 देशों के प्रतिनिधियों के लिए प्रोजेक्शन मैपिंग और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां हुईं थीं. म्यूजिक की धमक से दीवान-ए-आम की दीवार और छत में दरारें आ गई हैं. भारतीय सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) के विशेषज्ञ इसकी पड़ताल में जुट गए हैं. पर्यटकों की सुरक्षा को लेकर एएसआई ने जहां-जहां दीवार और छत में दरार आईं हैं और प्लास्टर गिरा है, वहां पर बैरिकेडिंग लगा दी है. इसके साथ ही दरारों की जांच के लिए दरारों पर टेल टेल ग्लास लगाने की तैयारी की है.
महाराष्ट्र सरकार ने 19 फरवरी को किले में छत्रपति शिवाजी महाराज की 393वीं जयंती मनाने के लिए एएसआई से अनुमति मांगी है. इसमें 2000 लोग शामिल होंगे. महाराष्ट्र सरकार ने 19 फरवरी के कार्यक्रम को लेकर सीएम योगी को भी निमंत्रण दिया है. इसको लेकर जिला प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है. लेकिन,अभी एएसआई अधिकारी चुप्पी साधे बैठे हैं.
बता दें कि 11 फरवरी को G20 देशों के मेहमानों के लिए दीवान-ए-आम में प्रोजक्शन मैपिंग शो और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया गया था. इसमें साउंड मानक 40 डेसीबिल से ज्यादा थी. इसलिए, अधिक साउंड की धमक से दीवान-ए-आम की दीवार और छत पत्थरों में दरारें पड़ गईं. प्लास्टर भी झड़कर नीचे गिरने लगा है. जब एएसआई कर्मचारियों ने प्लास्टर फर्श पर गिरा देखा तो वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी जानकारी दी.
एएसआई ने लगाई बैरिकेडिंग
एएसआई अधिकारियों ने सोमवार और मंगलवार को आगरा किले के दीवान-ए-आम का निरीक्षण किया. इसमें छत के कुछ पत्थरों में दरारें पड़ी मिलीं. अब एएसआई पाड़ बांधकर छत का मुआयना करेगा. इस बारे में एएसआई के अधीक्षण पुरातत्वविद डॉ. राजकुमार पटेल का कहना है कि जांच की जा रही है कि यह दरारें कार्यक्रम के साउंड की वजह से हुईं हैं या पहले की हैं. अभी इस बारे में कोई बात कहना ठीक नहीं है. दीवान-ए-आम के कुछ हिस्से में जहां पर प्लास्टर गिरा है और दरार दिख रही है, वहां पर सैलानियों की सुरक्षा के लिए बैरिकेडिंग लगा दी गई है. इसके साथ ही दरारों के अध्ययन के लिए दरारों पर टेल टेल ग्लास सीमेंट से लगाया जाएगा.
2000 लोगों की मांगी अनुमति