आगरा: विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) प्रमेंद्र कुमार ने 29 दिन में किशोरी से दुष्कर्म के मामले में सजा (Sentenced in teenager rape case) सुनाई है. न्यायधीश ने पीड़िता किशोरी को त्वरित न्याय देने का एक नया उदाहरण प्रस्तुत किया है. आरोपी पर दोष सिद्ध होने पर 20 साल कारावास की सजा और 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है.
8 जुलाई-2022 को एत्मादउद्दौला थाने में दुष्कर्म एवं पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था जिसमें मानसिक रूप से कमजोर किशोरी के साथ अरतौनी (सिकंदरा) निवासी नीरज ने दुष्कर्म किया था. जिससे किशोरी गर्भवती हो गई थी. इस मामले में पुलिस ने 15 दिन में आरोप पत्र प्रेषित किए और 8 सितंबर 2022 को आरोप तय होने पर गवाही की प्रक्रिया शुरू हो गई. विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट) प्रमेंद्र कुमार ने आरोपित नीरज को दोषी पाया और उसे गुरुवार को उसे 20 वर्ष कारावास सजा के साथ ही 20 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है.
रिश्तेदारी में आता था आरोपी
पीड़िता की बस्ती में आरोपी नीरज अपने रिश्तेदार के घर में आना-जाना था. इसी दौरान उसने किशोरी को बहाने से ले जाकर उसका शोषण किया और दुष्कर्म किया, जिससे वो गर्भवती हो गई. जब परिवार को पता चला तो किशोरी ने नीरज की करतूत बताई. इस पर एफआईआर दर्ज कराई. इस मामले में विवेचक देवेंद्र सिंह सेंगर ने तत्काल पीड़िता का मेडिकल और बयान कराए. दो सप्ताह में पूरी कार्रवाई करके आरोपी नीरज के विरुद्ध 25 जुलाई को न्यायालय में आरोप पत्र प्रस्तुत किए.
अभियोजन के विशेष लोक अभियोजक विजय किशन लवानिया और सतेंद्र प्रताप गौतम ने वादी, पीड़िता, विवेचक, महिला पुलिसकर्मी और डॉ. रूचि रानी की न्यायालय में गवाही कराई. जिस पर विशेष न्यायाधीश प्रमेंद्र कुमार ने साक्ष्यों के आधार पर आरोपित नीरज को दोषी न्यायालय ने अर्थ दंड की आधी राशि पीड़िता को दिलाने के साथ उसे उचित प्रतिकर दिलाने के आदेश की प्रति जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को प्रेषित करने के आदेश किए हैं.
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