आगरा: जिले में स्थित देश के दूसरे सबसे बड़े मानसिक स्वास्थ केंद्र में भ्रष्टाचार अपने चरम पर है. इसका जीता जागता सबूत दिया है, इस मानसिक संस्थान में कार्य करने वाले संविदा सहायक प्रोफेसर्स ने उनका कहना है कि कार्यवाहक निदेशक ए के सिंह ने उनके संविदा विस्तार को बढ़ाने के लिए पैसे की मांग की है, लेकिन जिन कर्मचारियों ने अधिकारी की मांग नकार दी है. अब उन्हें संस्थान से बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है, जिसके कारण अब संविदा असिस्टेंट प्रोफेसर ने घूसखोर कार्यवाहक निदेशक के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.
सेवा विस्तार के रेट तय, प्रोफेसर परेशान
जिले के मदिया कटरा-हलवाई की बगीची मार्ग पर स्थित ऐतिहासिक मानसिक स्वास्थ्य केंद्र में इन दिनों भ्रष्टाचार का बोल- बाला है. यहां के संविदा सहायक प्रोफेसर्स ने यह आरोप लगाए हैं. यहां बीते 7 सालों से अपनी सेवाएं दे रहे असिस्टेंट प्रोफेसर्स डॉ. सत्यधर द्विवेदी ने बताया कि मानसिक स्वास्थ्य केंद्र के कार्यवाहक निदेशक अविनाश कुमार सिंह ने जब से संस्थान का कार्यभार संभाला है. तभी से संविदा कर्मियों का मानसिक शोषण किया जा रहा है. कभी वेतन देने के नाम पर तो कभी अनुबंध बढ़ाने के नाम पर निदेशक ए के सिंह के चहेते बाबू उनसे पैसे की मांग करते है. मांग को ठुकराने पर निदेशक द्वारा उनका शोषण किया जाता है. हर दर्जे की बदतमीजी और बेइज्जती की जाती हैं, जिसके कारण उन्होंने कार्यवाहक निदेशक अविनाश कुमार सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.
महिला प्रोफेसर से की डर्टी "मांग"
मानसिक आरोग्यशाला में बीते 6 सालों से सेवाएं दे रही प्रोफेसर डॉ. स्वर्णलता सिंह ने बताया कि साल 2020 नवंबर में संस्थान के साथ उनका अनुबंध समाप्त हो गया था, जिसके आवेदन पर निदेशक एके सिंह को सेवा विस्तार की स्वीकृति प्रदान करनी थी, लेकिन निदेशक ने उनके अनुबंध पर रोक लगा दी है. इसकी एवज में उनसे पैसों की मांग की. इसके साथ ही निदेशक के आदेश पर मानसिक स्वास्थ्य केंद्र में जमे बाबुओं ने उनसे निदेशक को समझने और खुश करने की मांग की बात कही. इसका प्रोफेसर स्वर्णलता सिंह ने विरोध किया, तो उनका वेतन रोक दिया गया. इसकी शिकायत उन्होंने आगरा कमिश्नर अमित गुप्ता से की, तो मंडलायुक्त ने प्रोफेसर्स का 3 महीने का सेवा विस्तार बढ़ाते हुए. दोषी बाबुओं को संस्थान से बाहर का रास्ता दिखा दिया. लेकिन मंडलायुक्त से भी अपने को ऊपर मानने वाले महामहिम निदेशक ने प्रोफेसर्स के तीन महीने के सेवा विस्तार में कटौती करते हुए, अब उन्हें सेवा समाप्त का नोटिस थमा दिया है, जिसके कारण निदेशक ओर संविदा प्रोफेसर्स की रार सड़क पर आ गई है.