आगरा :ताजनगरी में कोरोना संक्रमण एक बार फिर 'आउट ऑफ कंट्रोल' होता जा रहा है. यहां हर दिन संक्रमितों की संख्या बढ़ती जा रही है. वहीं, कोरोना के टीके की कमी भी मुसीबत बढ़ा रही है. जिले में अब तक 227 वैक्शीनेशन बूथों में महज 19 सरकारी बूथों पर वैक्सीन लग रही है. बाकी जगह वैक्सीन खत्म होने के नोटिस चस्पा हैं.
वहीं, पहले ही जागरूकता के अभाव और जनसभागिता न होने से जिले में कोरोना 'संजीवनी' की 8671 डोज मिट्टी बर्बाद हो चुकी है. इससे सरकार को 21.67 लाख की चपत भी लगी है. अब इससे स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है.
ताजनगरी में कोरोना टीका का टोटा, बर्बाद हुई 8671 संजीवनी बता दें कि आगरा में जोर-शोर से कोरोना वैक्सीन 16 जनवरी-2021 से लगाना शुरू हो गई थी. शुरुआत कोरोना स्वास्थ्य कर्मचारी और फ्रंटलाइन कोरोना वारियर्स से की गई थी. इनकी संख्या 42727 थी. इनमें से 36318 ने कोरोना का टीका लगवाया. यहां सबसे ज्यादा वैक्सीन की 6409 डोज बर्बाद हुई थी.यह भी पढ़ें :जिला न्यायाधीश सहित तीन जज संक्रमित, न्यायालय 24 घंटे के लिए सील इतनी बर्बाद हुई वैक्सीन की डोज
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों को मानें तो 16 जनवरी-2021 से 30 मार्च-2021 तक 1,18,759 लोगों को कोरोना का टीका लगाया जा चुका है. इस दौरान वैक्शीनेशन केंद्रों पर वैक्सीन की 12743 वायल खोली गई. इनमें 1,27,430 डोज वैक्सीन की थीं. मगर, 1,18,759 लोगों का ही वैक्शीनेशन किया गया. वैक्सीन की 8671 डोज बर्बाद हो गई.
एसएनएमसी में कोरोना वैक्सीन का वेस्टेज 3%
एसएन मेडिकल कॉलेज के टीकाकरण के प्रभारी डॉ. शैलेंद्र सिंह चौधरी का कहना है कि एसएनएमसी में कोविशील्ड और कोवाॅक्सिन वैक्सीन लगाई जा रही है. कोविशील्ड की एक वाइल में 10 डोज और कोवाक्सिन की एक वायल में 20 डोज होती हैं. दोनों वैक्सीन की वायल के साथ यह गाइडलाइन है कि वायल खोलने के 4 घंटे के भीतर वैक्सीन का उपयोग हो जाना चाहिए. यदि ऐसा नहीं हो पाता तो फिर वैक्सीन उपयोग नहीं करनी है.
बताया कि उनके यहां कोवाक्सिन का वेस्टेज 2% से कम है जबकि कोविशील्ड का वेस्टेज 3.5 % है. कुल मिलाकर उनके यहां कोरोना वैक्सीन की डोज का वेस्टेज 3 % से कम है. जबकि सरकार की ओर से अभी हाल ही में जारी गाइडलाइन के मुताबिक वैक्सीन का वेस्टेज 6% से ज्यादा नहीं होना चाहिए.
अब 2.52 लाख लोगों की वैक्सीन का लक्ष्य मिला
सीएमओ डॉ. आरसी पांडे ने बताया कि पहले हमें जिले में 1.11 लाख लोगों के वैक्शीनेशन का लक्ष्य दिया गया था. इसमें 54 % ही लक्ष्य पूरा हुआ. अब आगरा में 45 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को टीकाकरण के तहत 2.52 लाख लोगों को टीका लगाया जाएगा. इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से आशा और एएनएम को कमान दी गई है.
वह अपने-अपने क्षेत्र में जाकर लोगों को जागरूक करेंगी और वैक्सीनेशन के लिए वैक्सीनेशन बूथ पर लेकर आएंगी. इससे इस लक्ष्य को पूरा किया जा सकेगा. अभी तक 178007 लोगों को वैक्सीन की डोज लगी है. इसमें 151638 लोगों को पहली डोज और 26369 लोगों को दूसरी डोज लगायी गयी है.
यूं कम खराब होगी वैक्सीन की डोज
सीएमओ डॉ. आरसी पांडे ने बताया कि आगरा में वैक्सीन के वेस्टेज का प्रतिशत 8% है. वेस्टेज को और कम करने व लोगों को टीकाकरण के लिए बूथ तक लाने के लिए सामाजिक संस्थाओं से भी बात की गई है. तमाम एनजीओ लोगों को जागरूक कर वैक्सीनेशन के लिए बूथ पर ले आएंगे. उनके द्वारा बुलाए जाने वाले लोगों के लिए वैक्सीनेशन का अलग से सैशन रखा जाएगा. इससे वैक्सीन के डोज के वेस्टेज को और कम किया जा सकेगा.
यह भी पढ़ें :आगरा में बढ़ रहा कोरोना का कहर, शनिवार रात 10 बजे से लगा नाइट कर्फ्यू
आपातकाल के लिए बचे 10 हजार डोज
जिले में पहले 227 केंद्रों पर वैक्सीनेशन किया जा रहा था. लेकिन, वैक्सीन का टोटा पड़ने पर एसएन मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल, लेडी लॉयल के साथ ही 15 सीएससी और लोहामंडी पीएससी पर वैक्सीनेशन हो रहा है. सीएमओ डॉ. आरसी पांडेय के मुताबिक नौ अप्रैल तक जिले में 1.78 लाख लोगों को कोरोना का टीका लग चुका है. जिला वैक्सीन भंडार (डिपो) में आपातकाल के लिए 10,000 डोज हैं. निजी अस्पतालों में वैक्सीन के डोज उपलब्ध कराए हैं. जिले में अभी 19 सरकारी बूथों पर पहला और दूसरा डोज लगाया जा रहा है. लखनऊ से वैक्सीन प्राप्त होते ही फिर से टीकाकरण की रफ्तार बढ़ जाएगी.
कोरोना टीकाकरण पर नजर
कोविशील्ड वैक्सीन
- 111840 लोगों के लगी वैक्सीन
- वैक्शीनेशन को 11981 वायल खोली गई
- वैक्सीन की 7970 डोज हुई बर्बाद
कोवाक्सिन वैक्सीन
- 6919 लोगों को लगी वैक्सीन.
- वैक्शीनेशन को 762 वायल खोली गई
- वैक्सीन की 701 डोज हुई बर्बाद
( यह आंकड़े 16 जनवरी से 30 मार्च तक के हैं )
ऐसे चला टीकाकरण
- 16 जनवरी को स्वास्थ्य कर्मचारियों के टीकाकरण की शुरुआत हुई थी.
- 2 फरवरी को फ्रंटलाइन कर्मचारियों के लिए वैक्सीनेशन शुरू हुआ था.
- एक मार्च को 60 साल से अधिक और 45 साल से अधिक उम्र के बीमार लोगों को टीका लगना शुरू हुआ था.
- 1 अप्रैल से 45 साल से अधिक उम्र के लोगों के टीकाकरण शुरू हुआ.