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स्वास्थ्य विभाग ने अर्जेंटीना के पर्यटक का एक दिन बाद लैब भेजा था सैंपल, अब कोरोना बम फटने का खतरा

आगरा में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग सामने आई है. यहां कोरोना बम फटने का खतरा मंडरा रहा है. चिकित्सा विभाग की टीम ने अर्जेंटीना पर्यटक की स्क्रीनिंग में हर दर्जे की लापरवाही बरती है.

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अर्जेंटीना के पर्यटक

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Published : Dec 29, 2022, 11:53 AM IST

आगराःचिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से ताजनगरी में कोरोना बम फटने का खतरा मंडरा रहा है. चिकित्सा विभाग की टीम ने अर्जेंटीना पर्यटक की स्क्रीनिंग में हर दर्जे की लापरवाही बरती, जिसमें पर्यटक से फार्म नहीं भरवाया गया. इतना ही नहीं, एक दिन बाद सैंपल जांच के लिए भेजा गया. इसलिए, कोरोना पॉजिटिव पर्यटक खुलेआम शहर के तमाम स्मारक पर घूमा और होटल में भी ठहरा था. अब जब पर्यटक कोरोना पॉजिटिव आया है, तो चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में खलबली मची हुई है और लापरवाही उजागर हो रही है, जो आगरा की जनता पर भारी पड़ सकती है.

बता दें कि, ताजमहल पर विदेशी पर्यटकों की स्क्रीनिंग के नाम पर हो रही खानापूर्ति का ईटीवी भारत ने खुलासा किया था. कैसे 26 दिसंबर को ताजमहल के पश्चिमी गेट पर स्क्रीनिंग में खानापूर्ति की जा रही थी. ताजमहल के पश्चिमी गेट पर अधूरी जानकारी दर्ज करके विदेशी पर्यटकों की स्क्रीनिंग की जा रही थी. फिर दोपहर 12 बजे ही वायल खत्म हो गई, तो स्क्रीनिंग करीब तीन घंटे तक बंद रही और विदेशी पर्यटक पश्चिमी गेट से ताजमहल में प्रवेश के लिए एंट्री करते रहे. उसी दिन अर्जेंटीना के पर्यटक की स्क्रीनिंग में लापरवाही बरती गई. इसके साथ ही ताजमहल के पूर्वी गेट पर 26 दिसंबर को दोपहर तक एक भी पर्यटक की स्क्रीनिंग नहीं की गई थी.

सूर्योदय में बिना स्क्रीनिंग ताज देख रहे पर्यटक
दरअसल, विदेशी पर्यटक सुबह और शाम को ताजमहल का दीदार करना सबसे ज्यादा पसंद करते हैं. मगर, ताजमहल, आगरा किला, फतेहपुर सीकरी और अन्य स्मारक पर सुबह दस बजे चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की टीम स्क्रीनिंग के लिए पहुंचती है. जबकि सूर्योदय में ही विदेशी पर्यटक ताजमहल निहार कर चले जाते हैं. फिर भी सुबह दस बजे से सूर्यास्त तक स्क्रीनिंग के नाम पर खानापूर्ति होती है.

लापता कोरोना पॉजिटिव की तालाश जारी
बता दें कि, 26 दिसंबर को ताजमहल के पश्चिमी गेट पर अर्जेंटीना के 48 वर्षीय पर्यटक के सैंपल लेने से पहले फार्म नहीं भरवाया गया. उससे आईडी की फोटोकापी भी नहीं ली गई. यह लापरवाही स्क्रीनिंग करने वाली टीम ने की. इसके साथ सबसे बड़ी लापरवाही यह रही कि, 26 दिसंबर को सैंपल जांच के लिए एसएनएमसी की लैब नहीं भेजे गए. जबकि चिकित्सा विभाग की टीम को सैंपल उसी दिन एसएनएमसी की वायरलॉजी लैब जांच के भेजने चाहिए. चिकित्सा विभाग ने 27 दिसंबर को एसएनएमसी की. वायरोलॉजी लैब भेजे तो सैंपल की पूल में पॉजिटिव रिपोर्ट आई तो दोबारा सैंपल की जांच हुई. इसलिए, बुधवार को पर्यटक में कोरोना की पुष्टि हुई. तब तक अर्जेंटीना के पर्यटक ने ताज के साथ ही अन्य जगह भ्रमण किया और संभावना यह भी है कि, होटल में ठहराकर फिर चला गया.

स्क्रीनिंग में यह जानकारी जुटानी है
कोरोना की स्क्रीनिंग में पर्यटक से फॉर्म भरवाना है. फॉर्म में पर्यटक का नाम, उम्र, देश, मोबाइल नंबर, ट्रेवल हिस्ट्री, आईडी के साथ ही किस होटल में ठहरा है. यह सब जानकारी होती है, जिससे कोरोना संक्रमित मिलने पर पर्यटक से संपर्क किया जा सके. मगर, ताजमहल के पश्चिमी गेट पर चिकित्सा विभाग की टीम न पर्यटकों से फॉर्म भरवा रही है और न ही उनसे आईडी की फोटो कॉपी ले रही है. स्क्रीनिंग में लापरवाही इतनी बरती जा रही है कि, अधिकतर लोगों के मोबाइल नंबर तक गलत हैं.

उसी दिन जांच को जाएंगे सैंपल
सीएमओ डॉ. अरूण श्रीवास्तव ने बताया कि, अर्जेंटीना के पर्यटक की तालाश की जा रही है. पर्यटक ने गलत मोबाइल नंबर दर्ज कराया था. इसलिए, उससे संपर्क अभी तक नहीं हुआ है. इस बारे में एंबेंसी से जानकारी मांगी है. इसके साथ ही होटल एसोसिएशन से जुड़े सभी होटलों से 25 और 26 दिसंबर को रुके पर्यटकों की
डिटेल मांगी है. इस बारे में होटल संचालकों से फोन पर भी संपर्क किया गया है. अब पूर्व की तरह से ही फार्म भरवाने के बाद ही सैंपल लेने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. सैंपल भी उसी दिन जांच के लिए भेजे जाएंगे.

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