आगरा :भारतीय वायुसेना का आगरा एयरफोर्स स्टेशन पाॅवर सेंटर हैं. यहां पर मालवाहक विमान के साथ ही देश का एकमात्र पैरा ड्रॉपिंग ट्रेनिंग स्कूल भी संचालित है. बुधवार शाम भारतीय वायु सेना को पहला मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट सी-295 मिल गया है. जिसके बाद जल्द ही आगरा के आसमान में एयरक्राफ्ट सी-295 देखने को मिलेगा. क्योंकि, आगरा एयरफोर्स स्टेशन पर पैरा ड्रॉपिंग ट्रेनिंग में जल्द ही देश की थल, जल और वायुसेना के जाबांज कमांडों भी एयरबस कंपनी के सी-295 मिलिट्री ट्रांसपोर्ट विमान से छलांग लगाएंगे. सी-295 मिलिट्री ट्रांसपोर्ट विमान आगरा एयरफोर्स स्टेशन पर एएन-32 का स्थान लेंगे. बता दें कि, स्पेन के सेविले शहर में बुधवार को एयरबस कंपनी ने भारत को एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी के हाथों पहला सी-295 मिलिट्री ट्रांसपोर्ट विमान सौंपा है. जल्द ही कंपनी 15 और विमान भारत को सौंपेगा. रक्षा मंत्रालय का एयरबस कंपनी से 56 सी-295 मिलिट्री ट्रांसपोर्ट विमान का सौदा हुआ है.
आगरा में एएन-32 की जगह लेगा सी-295 विमान :देश का एकमात्र पैराशूट जंपिंग का ट्रेनिंग स्कूल आगरा में है. जहां पर हर साल थल, वायु और नौसेना के जाबांज जवानों को पैराशूट जंपिंग की ट्रेनिंग दी जाती है. इसके लिए आगरा एयरफोर्स स्टेशन से जवानों की टोली यूक्रेन निर्मित एएन-32 विमानों से आठ हजार फीट की ऊंचाई से पैरा जंपिंग करते हैं. एएन-32 विमानों से बीते तीन दशक से जवानों को कुदाकर पैरा जंपिंग की ट्रेनिंग दी जाती है. अब जल्द ही एयरबस कंपनी के सी-295 टेक्नीकल मिलिट्री ट्रांसपोर्ट विमान के आने से एएन-32 को पैरा जंपिंग की ट्रेनिंग में इस्तेमाल नहीं किया जाएगा. इस बारे में पैरा रेजिमेंट के पूर्व कर्नल जीएम खान बताते हैं कि, 'समय के साथ पैरा जंपिंग की ट्रेनिंग और विमानों में बदलाव आवश्यक है. भारत में पैरा कमांडो को उन्नत ट्रेनिंग दी जाती है. जिसके लिए उन्नत विमानों की जरूरत है. इसमें ही सी-295 विमान सबसे बेहतर है.'