आगराःताजनगरी के गांव-गांव फैले अपने नेटवर्क के जरिए तस्करों ने रक्षाबंधन पर जहरीली शराब को खपाया था. जहरीली शराब ने जिले के तीन थाना क्षेत्र में चौदह जिंदगियां निगल लीं. कई मासूम के सिर से पिता का साया छिनने से अनाथ हो गए और आठ महिलाएं विधवा हो गई. अब इन घरों में कोहराम मचा हुआ है. पहले जहां जिलाधिकारी प्रभु नारायण सिंह ने जहरीली शराब से लोगों की मौत होने को इंकार किया था. लेकिन बुधवार को आई फॉरेंसिक लैब की रिपोर्ट में पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों में खलबली मचा दी. क्योंकि जहरीली शराब से चार लोगों की मौत हुई है.
जिले में देशी शराब ठेकों से तस्करों ने नेटवर्क से सस्ती और उधारी की जहरीली शराब खपाई थी. इससे अब आगरा से लेकर लखनऊ तक हड़कंप मचा हुआ है. ऐसे में ETV BHARAT की टीम ने पड़ताल की तो चौंकाने वाले खुलासे सामने आए. पड़ताल में पता चला कि गांव कोलारा कलां, गांव देवरी या फिर गढ़ी जहानसिंह और मेहरमपुर. इन गांवों में और आसपास के गांव में देशी शराब ठेका संचालक और सेल्समैन जहरीली शराब का कारोबार करते हैं. पुलिस, आबकारी और जिम्मेदार अधिकारियों को भी इसकी शिकायत हुई हैं. मगर, जिम्मेदार सोते रहे और अपनी जेबें भरते रहे.
10 लाख रुपये की आर्थिक मदद की मांग
गांव देवरी निवासी भोला राम ने बताया कि उनका बेटा सुनील 23 अगस्त-2021 को गांव के पप्पू और उसकी पत्नी किशन देवी उर्फ किशनी के यहां से देशी शराब का क्वार्टर लेकर आया था. उसे पीने के बाद उसकी तबीयत खराब हो गई. घबराहट और उल्टियां हुई इसके बाद आंखों की रोशनी चली गई. गंभीर हालत में सुनील को अस्पताल लेकर गए, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया. एसएन मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी भी लेकर गए, वहां भी डॉक्टर ने सुनील को मृत घोषित कर दिया. भोला राम ने कहा कि सुनील की पत्नी दिव्यांग है, उसके तीन छोटे-छोटे बच्चे हैं. ऐसे में सरकार सुनील की पत्नी और बच्चों को 10 लाख रुपये की आर्थिक मदद करे.
पुलिस की शह पर महिला बेचती थी अवैध शराब
गांव देवरी निवासी सुमेर सिंह ने बताया कि पुलिस ने 4 लोगों की जहरीली शराब पीने से मौत के बाद किशनी देवी को गिरफ्तार कर लिया. वह काफी समय से गांव में शराब बेच रही थी. कई बार इसकी शिकायत पुलिस में की, लेकिन पुलिस गांव आती और किशनी से रुपये लेकर के चली जाती थी. पुलिस उसे गिरफ्तार नहीं करती थी और न अवैध शराब की बिक्री बंद कराई. पुलिस की इसी लापरवाही ने गांव में कहर बरपाया है. अब तक इस मामले में आठ की गिरफ्तारी हुई है.
खूब समझाया था, अब रोता छोड़ गया
गांव देवरी निवासी रामबेटी ने बताया कि उनका बेटे सुनील को शराब नहीं पीने को लेकर खूब समझाया था. रक्षाबंधन के दिन भी उससे कहा था कि शराब मत पीना. उससे कहा था कि किशनी के यहां से शराब लेकर मत आना. लेकिन वह नहीं माना और किशनी के यहां से क्वार्टर लेकर आया गया. उसने किशनी से कहा भी था कि शराब में कुछ गड़बड़ है, इस पर उसने कहा था ऐसा कुछ नहीं है. मैं सस्ती शराब दे रही हूं.रामबेटी ने बताया कि सुनील शराब पीने के बाद सो गया. अगले दिन नहीं जगा तो हमें लगा कि नशे में है. जब जगाया तो वह खड़ा भी नहीं हो पा रहा था. जिस गिलास में सुनील ने शराब पी थी, वो भी पीले रंग का हो गया.
मुंह से निकल रहा था झाग
गांव देवरी निवासी मीरा देवी ने बताया कि जेठ के लड़का ताराचंद की शादी नहीं हुई थी. वह गलीचा का काम करता था. रक्षाबंधन के दिन उसने गांव में अवैध तरीके से शराब बेचने वाली किशनी से क्वार्टर खरीदा था. शराब पीने के बाद ताराचंद सो गया. सोमवार को परिजन जागे और देखा कि ताराचंद के मुंह से झाग निकल रहा था. आंखों से दिखाई नहीं दे रहा था. देखते ही देखते तड़- तड़प कर ताराचंद ने दम तोड़ दिया.
आरोपियों को मिले सख्त सजा
गांव देवरी निवासी बब्बू ने बताया कि ताऊ के लड़के ताराचंद ने किशनी के यहां से शराब खरीद कर पी थी. किशनी कई सालों से अवैध शराब बेचने का काम कर रही है. गांव की राजरानी का कहना है कि चचिया ससुर की जहरीली शराब पीने से मौत हुई है. हम गरीब हैं तो इसका मतलब यह नहीं कि हम मरते रहेंगे. सरकार से मांग है कि अवैध शराब और अवैध काम करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए. हमें आर्थिक मदद भी दी जाए.
शराब पीने के बाद आंख की रोशनी चली गई
गांव देवरी निवासी लाखन सिंह ने बताया कि भाई चंद्रभान की शादी नहीं हुई थी. रक्षाबंधन पर शराब पीने के बाद चंद्रभान की हालत खराब हो गई. उसे आंखों से दिखाई भी नहीं दे रहा था. उसे दवा भी दिलवाई थी. एक बार को वह ठीक भी हो गया था. फिर उसकी हालत बिगड़ती चली गई और मौत हो गई.