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भालुओं के ठाठ निराले, किसी की पसंद गरम दलिया तो कोई शौक से खाता है अंडे - सूर सरोवर पक्षी विहार

यूपी के आगरा में सूर सरोवर पक्षी विहार में दुनिया का सबसे बड़ा स्लाथ भालू का संरक्षण केंद्र हैं. यहां भालुओं की पसंद और नापसंद का ख्याल 70 कर्मचारी रखते हैं. यहां पर कलंदरों से मुक्त कराए गए भालुओं को रेस्क्यू करके लाया गया है.जहां हर भालू के खानपान का उम्र के हिसाब से विशेष ध्यान रखा जाता है. सभी भालू की खाने की पसंद और नापसंद का भी ख्याल रखा जाता है.

भालुओं के ठाठ निराले
भालुओं के ठाठ निराले

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Published : Feb 23, 2021, 7:00 PM IST

आगरा: आगरा-दिल्ली हाईवे पर स्थित सूर सरोवर पक्षी विहार में दुनिया का सबसे बड़ा स्लाथ भालू का संरक्षण केंद्र हैं. यहां करीब 25 एकड़ में फैले संरक्षण केंद्र में 130 भालू ठाठ से रहते हैं. उनकी हर पसंद और नापसंद का ख्याल 70 कर्मचारी रखते हैं. जहां सर्दी में भालू पराली के गद्दे पर सोते हैं. वहीं, उन्हें डाइट चार्ट के मुताबिक मनपसंद आहार दिया जाता है. एल्विश को खाने में गरम-गरम दलिया बेहद पसंद है तो अमिताभ की पसंद है सेब. गेल दलिया में उबला अंडा खूब चाव से खाता है और मादा भालू रोजी बड़ी चूजी है, जो सर्दी में फल खाना छोड़ देती है. भालू संरक्षण केंद्र में सुबह और शाम दूध, शहद और अंडा डालकर गरम-गरम हलवा भालुओं को दिया जाता है. दोपहर में मौसमी फल भी भालू बड़े चाव से खाते हैं. दिनभर सभी खूब उछल कूद करते हैं, तो किसी भालू को खाने से पहले झूला झूलना पसंद है.

जानकारी देते वाइल्ड लाइफ एसओएस के डिप्टी डायरेक्टर.

भालुओं की हेल्थ का रिकार्ड होता है मेनटेन
वाइल्ड लाइफ एसओएस की ओर से भालू संरक्षण केंद्र संचालित किया जा रहा है. यहां पर कलंदरों से मुक्त कराए गए भालुओं को रेस्क्यू करके लाया गया है. यह स्लॉथ भालू का दुनियां का सबसे संरक्षण केंद्र है. जहां हर भालू के खानपान का उम्र के हिसाब से विशेष ध्यान रखा जाता है. सभी भालू की खाने की पसंद और नापसंद का भी ख्याल रखा जाता है. सभी की हेल्थ का रिकॉर्ड भी मेंटेन किया जाता है.

पराली और हीटर से मिल रही गर्मी
वाइल्ड लाइफ एसओएस के डिप्टी डायरेक्टर वेटनरी डॉ. इलया राजा ने बताया कि यहां पर 130 भालू हैं. सर्दी में युवा भालू खूब उछल कूद करते हैं. सर्दी से बचाने के लिए इनके कमरों में पराली डालते हैं, जिससे उन्हें गर्मी मिलती है. उनके कमरों में हीटर भी लगे हैं, हेलोजन लाइट भी लगाई गई हैं. इसके साथ ही हर कमरे के सामने पराली के बेड बनाए गए हैं. जहां वह खूब खेल सकें. इसके साथ मिट्टी में भी इनके खोदे गए गड्ढों में पराली डाल दी गई है, जिससे उन्हें सर्दी न लगे.

भालू का संरक्षण केंद्र

कई अनाजों का बनाते हैं दलिया
वाइल्ड लाइफ एसओएस के डिप्टी डायरेक्टर वेटनरी डॉ. इलया राजा ने बताया कि भालू को उनकी उम्र के हिसाब से दिनभर में तीन से पांच किलोग्राम दलिया खिलाया जाता है. सबसे पहले भालुओं को सुबह खाने में जौ, बाजरा, रागी, चना और मक्का का मीठा दलिया दिया जाता है. भालुओं की पसंद के मुताबिक, दलिया में शहद, दूध, उबला अंडा और खजूर भी दिया जाता है. दोपहर में भालुओं को तरबूज, पपीता, केला, चीकू, अंगूर और अनार खिलाए जाते हैं. उसके बाद शाम को फिर दलिया दिया जाता है.

भालुओं का खाना.

दुनिया का सबसे बड़ा स्लॉथ बियर का केंद्र
वाइल्ड लाइफ एसओएस के डिप्टी डायरेक्टर वेटनरी डॉ. इलया राजा ने बताया कि उनके यहां 4 साल से लेकर 25 साल तक की उम्र वाले भालू हैं. इन्हें एज ग्रुप के हिसाब से अलग-अलग जगह रखा जा रहा है. जिससे वह सभी की अच्छी तरह से देखभाल कर सकते हैं. भारत में स्लॉथ बियर को ही कलंदर नचाने का काम करते थे क्योंकि, यह बहुत सुंदर होता है. यह दुनिया का स्लॉथ बियर का सबसे बड़ा संरक्षण केंद्र है. हिमालयन ब्लैक बियर का सबसे ज्यादा उपयोग पाकिस्तान और नेपाल में होता है.

खेलकूद करता भालू.

रोजी को सर्दी में फल खाना पसंद नहीं
वाइल्ड लाइफ एसओएस के डिप्टी डायरेक्टर वेटनरी डॉ. इलया राजा ने बताया कि सर्दियों में जहां एल्विश को शहद और खजूर का गरम गरम दलिया पसंद है, तो वहीं सर्दी में रोजी नाम की मादा भालू सीजनल फ्रूट्स खाना बंद कर देती है. भालू संरक्षण केंद्र में जूली, छोटू, कीर्ति और मोगली के साथ अन्य भालुओं की पसंद और नापसंद सर्दियों में बदल जाती है. कोई फल खाता है, तो कोई दलिया में उबला अंडा खाना पसंद करता है. तो कोई दलिया में दूध मिलाकर खाना पसंद करता है.

वाइल्ड लाइफ एसओएस ने सन् 1995 से देशभर में भालू के संरक्षण और संवर्धन पर काम शुरू किया. सन् 2002 तक लगातार जागरूकता फैलाने के बाद पहला भालू रेस्क्यू किया गया. सन् 2009 तक वाइल्डलाइफ एसओएस ने 628 से ज्यादा मादा भालू रेस्क्यू किए गए.

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