उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

अब कैंसर मरीज भी बन सकते हैं बायोलॉजिकल मां-बाप

उत्तर प्रदेश के आगरा में युवा इसार-2019 आईवीएफ विशेषज्ञों का सम्मेलन आयोजित किया गया. जहां 500 से ज्यादा युवा विशेषज्ञ के साथ ही अन्य देशों के विशेषज्ञ स्पीकर भी शामिल हुए. सम्मेलन में विशेषज्ञों ने बताया कि कैंसर से पीड़ित मरीज भी उपचार से ठीक होने के बाद बायोलॉजिकल मां-बाप बन सकते हैं.

By

Published : Aug 18, 2019, 9:22 AM IST

Updated : Aug 18, 2019, 10:17 AM IST

युवा इसार-2019 का किया गया सम्मेलन

आगरा:नई रिसर्च और अत्याधुनिक तकनीक से आईवीएफ की दुनिया बड़ी रोचक होती जा रही है. अभी तक लोगों ने एग और स्पर्म को फ्रीज करने के बारे में सुना था लेकिन अब एक नई रिसर्च और अत्याधुनिक तकनीक आ गई हैं, जिससे ओवरी को भी फ्रीज किया जा सकता है. महिलाओं के लिए ओवरी टिशूज और पुरुषों के लिए टेस्टिकुलर टिशु प्रिजर्वेशन किया जाता है, जिससे कैंसर जैसी बीमारी से मुकाबला करने वाले लोग उपचार कराने के बाद बायोलॉजिकल मां-बाप बन सकें.

युवा इसार-2019 का किया गया सम्मेलन.

इसे भी पढ़ें:-एटा: डायलिसिस यूनिट की टपकती छत मरीजों के लिए बनी खतरा

अब कैंसर पीड़ित भी बन सकते हैं माता-पिताः

  • फतेहाबाद रोड स्थित एक होटल में युवा इसार-2019 आईवीएफ विशेषज्ञों का सम्मेलन चल रहा है.
  • 500 से ज्यादा युवा विशेषज्ञ आए हैं और इजराइल सहित तमाम अन्य देशों के विशेषज्ञ स्पीकर भी आए हैं.
  • डॉ. केशव मल्होत्रा ने बताया कि कैंसर का उपचार बहुत ही अच्छी तरह से किया जा रहा है.
  • कैंसर वाले मरीज भी उपचार से ठीक होने के बाद बायोलॉजिकल मां-बाप बन सकते हैं.
  • जब कोई महिला कैंसर का ट्रीटमेंट लेती है तो सर्जरी, कीमोथेरेपी और रेडिएशन का असर उसकी ओवरी में बनने वाले अंडों पर पड़ता है.
  • अब कैंसर पीड़ित महिला मरीज के ओवरी टिश्यू और पुरुष मरीज टेस्टिकुलर टिश्यू प्रिजर्व कर लिए जाते हैं.

बीमारी से छुटकारा पाने के बाद ट्रांसप्लांट करके ऐसे लोग बायोलॉजिकल माता-पिता बन सकते हैं. लेबोरेटरी में तैयार किए भ्रूण को फाइन प्लास्टिक ट्यूब के जरिए महिला के गर्भाशय में प्रत्यारोपित किया जा सकता है. यह नई तकनीक इंडिया के कई आईवीएफ सेंटर में भी आ गई है, जिसका लोग फायदा भी ले रहे हैं.

Last Updated : Aug 18, 2019, 10:17 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details