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पुलिसकर्मी ने शुरू की 'कोई भूखा ना सोए' मुहिम, तीमारदारों तक पहुंचा रहे भोजन

कोरोना महामारी के दौर में आगरा के चौकी इंचार्ज शैलेंद्र यादव तीमारदारों को भोजन उपलब्ध करा रहे हैं. चौकी इंचार्ज द्वारा 'कोई भूखा ना सोए' मुहिम चलाकर तीमारदारों को खाना-पानी दिया जा रहा है. देखें रिपोर्ट-

कोई भूखा ना सोए
कोई भूखा ना सोए

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Published : May 14, 2021, 1:14 PM IST

आगरा:ताजनगरी में कोरोना संक्रमण के दूसरी लहर में लगातार मौतें हो रही हैं. सुबह से लेकर शाम तक ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए अस्पतालों के बाहर लोगों का जमावड़ा देखने को मिल रहा है. भूखे-प्यासे रह कर लोग अपनों को ठीक करने के लिए दिन रात लगे हुए हैं. कोरोना संक्रमण के चलते लोगों को ना खाना खाने का होश, ना पानी पीने का होश, लेकिन तीमारदारों की ऐसी हालत देख आगरा के चौकी इंचार्ज शैलेंद्र यादव का दिल पसीजने लगा. आगरा सेंट्रल जेल की पुलिस चौकी पर तैनात चौकी इंचार्ज ने अपने बेटों और पड़ोसियों के साथ एक मुहिम छेड़ी 'कोई भूखा सोये'.

कोई भूखा ना सोए

शैलेंद्र सिंह ने इस मुहिम के तहत तीमारदारों को प्रतिदिन भोजन उपलब्ध कराया. क्योंकि यूपी में लॉकडाउन लगा हुआ है. दुकाने बंद हैं, लोगों को न खाना मिल रहा ना ही पानी. ऐसे में शैलेंद्र ने लोगों को भोजन और मास्क देकर उनकी सहायता करने की. ड्यूटी के साथ-साथ शैलेंद्र दिन-रात समाज सेवा में जुटे हुए हैं.

तीमारदारों के लिए खाना बनाती महिलाएं
सुबह शाम ड्यूटी, दिन में समाज सेवा

शैलेंद्र सिंह यादव बताते हैं कि सुबह रोज की तरह वह सेंट्रल जेल जाकर चौकी इंचार्ज होने के नाते सभी को अपनी ड्यूटी बता कर घर आ जाते हैं. उसके बाद दोपहर में लोगों को खाना खिलाने के लिए खाना बनवाने में लग जाते हैं. फिर शाम को वापस अपनी शिफ्ट के हिसाब से ड्यूटी पर चले जाते हैं, बाकी जिम्मेदारियां बेटा निभा लेता है.

पड़ोसी भी करने लगे सहयोग

'कोई भूखा ना सोए' यह मुहिम शैलेंद्र यादव ने परिवार के साथ शुरू की, लेकिन देखते ही देखते उनके पड़ोसियों ने भी सहयोग करना शुरू कर दिया. पड़ोस की महिलाएं आकर पुड़िया बनाती हैं, तो वहीं पड़ोस में रहने वाले युवक खाना पैक करवाकर बंटवाने का काम करते हैं. इनके इस मुहिम में पूर्व नरेंद्र सिंह, दरियाव सिंह, धर्मेंद्र यादव भी सहयोग कर रहे हैं.



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खाना देख तीमारदारों के खिले चेहरे

खाने के पैकेट हाथ में लिए और मुंह में एक निवाला डालते ही लोगों की आंखें भर आई. लोग कहने लगे कि अपनों ने तो पानी के लिए भी नहीं पूछा, लेकिन गैर होकर हमारे बारे में सोच रहे हैं यही बहुत है. तीमारदारों ने खाने को स्वादिष्ट भी बताया और शैलेंद्र यादव और उनकी टीम को दिल से धन्यवाद दिया.

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