उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

आगरा में चीन और दुश्मन देशों को लेकर मंथन, 54 देश के विशेषज्ञ इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस में शामिल

आगरा के राष्ट्रीय जागरण मंच के दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का शुभारंभ शुक्रवार को सेनाभ्यास सेंटर परिसर में आरएसएस के विचारक डॉक्टर इंद्रेश कुमार ने किया. कोरोना काल की वजह से दो दिवसीय सम्मेलन इस बार ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही तरीके से हो रहा है.

आगरा में चीन और दुश्मन देशों को लेकर मंथन
आगरा में चीन और दुश्मन देशों को लेकर मंथन

By

Published : Jan 29, 2021, 10:04 PM IST

आगराः दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का शुभारंभ शुक्रवार को सेनाभ्यास सेंटर परिसर में आरएसएस विचारक डॉक्टर इंद्रेश कुमार ने किया. राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच ने ये कार्यक्र आयोजित किया है. कोरोना की वजह से दो दिवसीय सम्मेलन इस बार ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही तरीके से हो रहा है. जिसमें सभी देशों के विशेषज्ञ ऑनलाइन शामिल होकर अपने विचार भी रख रहे हैं. इस सम्मेलन में 13 देशों के 22 वक्ता शामिल हो रहे हैं. इसके साथ ही 8 देशों के राजनयिक भी अपने सुझाव और विचारों का आदान-प्रदान कर रहे हैं.

आगरा में हिमालय हिंद महासागर राष्ट्र समूह का ये दूसरा अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन है. इसमें 54 देशों के राजदूतों और विशेषज्ञों को आमंत्रित किया गया था. लेकिन कोरोना की वजह से तमाम देशों के विशेषज्ञ और राजदूत ऑनलाइन इस कॉन्फ्रेंस में शामिल हो रहे हैं.

शक्तिशाली देश जमा रहे अपना प्रभुत्व

सम्मेलन में कई देशों के राजदूत ने अपने कड़वे अनुभव भी साझा किये. उन्होंने बताया कि, किस तरह से दूसरे शक्तिशाली देशों ने अपना प्रभुत्व जमा हुआ है. इससे उनकी सांस्कृतिक और सामाजिक विरासत को भी नुकसान हो रहा है. इतना ही नहीं शक्तिशाली देश अपने नियम ठोपने के प्रयास हर समय करते रहते हैं. जिसके चलते देश बंटने पर मजबूर हो रहे हैं. सम्मेलन में वक्ताओं का कहना है कि, यदि हम एकजुट होकर एक मंच पर आकर संघर्ष करेंगे. तो न केवल हम किसी भी समस्या का समाधान आसानी से कर सकते हैं. बल्कि, खुशहाल देश का निर्माण भी कर सकते हैं.

सांस्कृतिक संबंधों को पुनर्जीवित करना उद्देश्य

आयोजक डॉक्टर रजनीश त्यागी ने बताया कि, चीन भारत को घेरने की कोशिश कर रहा है. चीन में लोकतंत्र नहीं है. वन पार्टी सिस्टम है. इस वजह से चीन तमाम देशों में जमीन खरीदकर भारत के खिलाफ षड्यंत्र रच रहा है. युद्ध के लिए मिसाइलें भी स्थापित कर चुका है. भारत सरकार तो चीन को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए काम कर रही है. जनता भी अपने स्तर से हिंद महासागर के देशों के साथ अपने पुराने संबंधों का इस्तेमाल करें. क्योंकि, हमारी संस्कृति में चीन को मुंहतोड़ जवाब देना आता है. इस कांफ्रेंस का मुख्य उद्देश्य हिंद महासागर के देशों के साथ अपने पुराने सांस्कृतिक संबंधों को पुनर्जीवित करना है.

40% आबादी का नेतृत्व करने से भारत का होगा विकास

राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच के महामंत्री रिटायर्ड कर्नल जीएम खान का कहना है कि, हिमालय हिंद महासागर राष्ट्र समूह में 54 देश हैं. भारत इनसे समन्वय करके एक गुट बना रहा है. जिससे चाइना और अमेरिका जैसे शक्तिशाली देश के बराबर में भारत भी खड़ा हो सकेगा. इन देशों में विश्व की 40% आबादी है. इस 40% आबादी का नेतृत्व भारत करेगा, तो भारत का सांस्कृतिक और व्यवसायिक दोनों ही तरीके से विकास होगा. इससे भारत आगे होगा.

सबका साथ ही चाइना के लिए सबक

रिटायर्ड कर्नल डॉक्टर राजीव चौहान का कहना है कि इन देशों से हमारे पुराने संबंध हैं. बस उन्हें फिर से जिंदा करना है. इससे भारत को भी फायदा होगा. उन देशों को भी फायदा होगा. वैसे भारत अपने आप में ही बहुत ताकतवर है. लेकिन, 10 या 15 देश और भारत के साथ खड़े होंगे. तो और ज्यादा अच्छा रहेगा. इससे भारत की शक्ति और बढ़ेगी. ये पीएम मोदी की भी ख्वाहिश है. 54 देश हमारे साथ खड़े हों. यही चाइना को समझने के लिए काफी है. या हमारे किसी भी दुश्मन के समझने के लिए बहुत है.

कॉन्फ्रेंस में दूसरे दिन शनिवार को हिंद महासागर के माध्यम से भारत व्यापारिक दृष्टि से कैसे मजबूत हो. आपसी सामंजस्य कैसे बढ़ाया जाये. इन्हीं विषयों पर सभी देशों के वक्ता चर्चा करेंगे और अपने विचार रखेंगे.

ABOUT THE AUTHOR

...view details