आगरा:प्रेम और सद्भाव के शहर आगरा में सर्वधर्म समभाव की तमाम मिसालें हर गली और मोहल्ले में मौजूद हैं. आज रमजान के पाक माह की शुरूआत पर हम आपको एक ऐसी ही मिसाल से अवगत करा रहे हैं जो अपने आप में सर्व-धर्म समभाव की खूबसूरत मिसाल है.
यह मिसाल है गुड़ की मंडी स्थित इमली वाली मस्जिद में हर रमजान होने वाली तरावीह.
- नमाज पढ़ने के लिए दुकानदार खुद दुकानें समय से पहले बंद करते हैं.
- हिन्दू दुकानदार मुस्लिम भाइयों को नमाज पढ़ने के लिए दरी बिछाते हैं.
- मस्जिद के मुतवल्ली इसे गंगा जमुनी तहजीब का उदाहरण मानते हैं.
- इमली वाली मस्जिद का इतिहास आजादी के समय का है.
- यह हिन्दू बाहुल्य क्षेत्र में है और आस-पास काफी बड़ी बाजार है.
रमजान के महीने में आगरा में दिखती है गंगा-जमुनी तहजीब.
हर साल यहां तरावीह की नमाज कुछ अलग होती है. यहां सबसे जल्दी पांच दिन में कुरान शरीफ पढ़ा दिया जाता है. इस कारण यहां अकीदतमंदों की जबरदस्त भीड़ होती है. इतनी भीड़ को एक साथ नमाज पढ़वाने के लिए मस्जिद छोटी पड़ती है तो यहां के दुकानदार जो कि हिन्दू और सिख समाज से तालल्लुक रखते हैं, खुद समय से पहले अपनी दुकानें बंद कर देते हैं.
क्यों है यह बेहद खास:
- हिन्दू समाज के लोग सड़क की साफ-सफाई करवाकर वहां दरी बिछाते हैं.
- नमाज के लिए आने वाले मुस्लिम भाईओं को वजू करने के लिए वहां स्थित सेंट जोन्स चर्च के प्रांगड़ में ईसाई समाज जगह देता है.
- वजू के लिए पानी की व्यवस्था भी ईसाई समाज करता है.
इस तरह सर्व धर्म समभाव और आपसी भाईचारे की मिसाल देने वाली तरावीह की नमाज यहां होती है.