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दलितों की राजधानी में हाथी ने तोड़ा दम, जानिए कैसे 20 साल में अर्श से फर्श पर आ गई बसपा...

दलितों की राजधानी आगरा में बीते 20 साल में बीएसपी का प्रदर्शन बहुत ही निराशाजनक रहा. पार्टी को यहां किसी भी सीट पर जीत नसीब नहीं हुई. चलिए जानते हैं इस बारे में.

दलितों की राजधानी में हाथी ने तोड़ा दम, जानिए कैसे 20 साल में अर्श से फर्श पर आ गई बसपा...
दलितों की राजधानी में हाथी ने तोड़ा दम, जानिए कैसे 20 साल में अर्श से फर्श पर आ गई बसपा...

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Published : Mar 11, 2022, 2:32 PM IST

आगराः दलितों की राजधानी के नाम से मशहूर आगरा में 20 साल में बसपा अर्श से फर्श पर आ गई है. भले ही इस बार बसपा की मुखिया पूर्व सीएम मायावती ने यूपी में चुनाव प्रचार की शुरूआत दलितों की राजधानी से की हो मगर वे अपने कोर वोट का मन नहीं पढ़ सकीं. यही वजह रही कि, दलितों की राजधानी में हाथी ने दम तोड़ दिया. पहली बार सन 2007 के विधानसभा चुनाव में आगरा से बसपा के चार विधायक बने थे. सन 2012 में इनकी संख्या बढ़कर छह हो गई थी. आगरा की बात करें तो दो विधानसभा चुनाव में यहां पर हाथी खूब चिंघाड़ा मगर अब बीते दो चुनाव से बसपा मुखिया सुश्री मायावती का चेहरा और अपील भी बसपा के प्रत्याशियों की नैया पार नहीं लगा पा रही है.


आगरा छावनी विधानसभा में तीसरे नंबर पर रही बसपा
आगरा छावनी सीट पर पहली बार खाता साल 2002 के विधानसभा चुनाव में बसपा के चौधरी बशीर ने खोला था. इसके बाद छावनी सीट पर 2007 में बसपा के जुल्फिकार अहमद भुट्टो विधायक बने. इसके बाद 2012 के विधानसभा चुनाव में बसपा के गुटियारी लाल दुबेश जीते. 2017 में इस विधानसभा में कमल खिला. यहां पर भाजपा के डॉ. जीएस धर्मेश जीते और योगी सरकार में मंत्री बने. 2022 के विधानसभा चुनाव में भी डॉ. जीएस धर्मेश ने सपा के कुंवरचंद वकील को 48471 वोट से हराया जबकि, बसपा के भारतेंद्रु अरुण तीसरे नंबर पर रहे.

आगरा ग्रामीण विधानसभा में पिछड़ी बसपा
दयालबाग विधानसभा 2008 में हुए नए परिसीमन से आगरा ग्रामीण विधानसभा बनी. यह एक सुरक्षित सीट है. आगरा ग्रामीण में पहली 2012 के विधानसभा चुनाव में बसपा के कालीचरण सुमन जीते. सन 2017 के विधानसभा चुनाव में सपा से भाजपा में आईं हेमलता दिवाकर ने यहां जीत दर्ज की. भाजपा ने 2022 के चुनाव में पूर्व राज्यपाल बेनीरानी मोर्य को यहां से प्रत्याशी बनाया. बेनी रानी मौर्य ने बसपा की किरन प्रभा केसरी को 76,608 वोटों से हरा दिया.

आगरा दक्षिण विधानसभा में भाजपा की हैट्रिक
सन 2008 के परिसीमन में आगरा दक्षिण विधानसभा बनी. यहां पर अपनी बार सन 2012 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के योगेंद्र उपाध्‍याय ने बसपा के जुल्‍फिकार अहमद भुटटो करे हराकर जीत दर्ज की. इसके बाद सन 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के योगेंद्र उपाध्याय ने बसपा के जुल्फिकार अहमद भुट्टो को हराया. भाजपा के योगेंद्र उपाध्याय ने जीत की हैट्रिक बनाई. आगरा दक्षिण में इस बार सपा के विनय अग्रवाल दूसरे नंबर और बसपा के रवि भारद्वाज तीसरे नंबर पर रहे.


फतेहपुर सीकरी में बसपा का नंबर तीसरा
फतेहपुर सीकरी विधानसभा में पहली बार सन् 2007 के विधानसभा चुनाव में बसपा का हाथी दौडा था. यहां से पहली बार 2007 में बसपा से विधायक ठाकुर सूरजपाल सिंह बने. इसके बाद 2012 में ठाकुर सूरजपाल सिंह ही विधाायक बने मगर, 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के चौधरी उदयभान सिंह ने बसपा के ठाकुर सूरजपाल सिंह को हराया. बाद में ठाकुर सूरजपाल सिंह का निधन हो गया. इस बार भाजपा ने मौजूदा विधायक चौधरी उदयभान सिंह का टिकट काटकर चौधरी बाबूलाल को चुनाव मैदान में उतारा. चौधरी बाबूलाल ने इस पद पर रालोद के ब्रजेश चाहर को हराया जबकि, बसपा के मुकेश राजपूत यहां पर तीसरे नंबर पर रहे.


खेरागढ़ विधानसभा में भी खिला कमल
खेरागढ़ विधानसभा में पहली बार बसपा का खाता 2007 के विधानसभा चुनाव ने में भगवान सिंह कुशवाह ने खोला था. इसके बाद 2012 के विधानसभा चुनाव में भगवान सिंह कुशवाह जीते. सन 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के महेश गोयल ने बसपा के भगवान सिंह कुशवाह को हराया. भगवान सिंह कुशवाह ने बसपा छोड दी और भाजपा में शामिल हो गए. भाजपा से टिकट मिलने पर भगवान सिंह कुशवाह ने कांग्रेस के रामनाथ सिंह सिकरवार को हराया. यहां पर बसपा के गंगाधर कुशवाह तीसरे नंबर पर रहे.

फतेहाबाद विधानसभा में एक बार ही जीती बसपा
फतेहाबाद विधानसभा में पहली बार बसपा की जीत साल 2012 के विधानसभा में छोटेलाल वर्मा ने दिलाई थी. इसके बाद से यहां पर हाथी की चाल सुस्त है. मगर, बसपा से जीतने के बाद छोटेलाल वर्मा ने पार्टी छोड दी और अब भाजपा में हैं. छोटेलाल वर्मा ने 2022 के विधानसभा में यहां से जीत दर्ज की है. जबकि, यहां पर बसपा के शैलेंद्र प्रताप सिंह तीसरे नंबर रहे हैं.

बाह विधानसभा में बसपा का नंबर तीसरा
बाह विधानसभा में पहली बार सन 2007 के विधानसभा चुनाव में मधुसूदन शर्मा ने बसपा का खाता खोला था. तब मधुसूदन शर्मा ने भाजपा के राजा अरिदमन सिंह को हराया था. मगर, सन 2012 के विधानसभा चुनाव में सपा से चुनाव मैदान में उतरे राजा अरिदमन सिंह ने बसपा के मधुसूदन शर्मा को हराया. मगर, 2017 में यहां से भाजपा की रानी पक्षालिका सिंह ने बसपा के मधुसूदन शर्मा को हराया. सन 2022 के विधानसभा चुनाव में बसपा ने बाह से नितिन वर्मा को टिकट दिया. ​भाजपा की रानी पक्षालिका सिंह ने इस बार सपा से चुनाव लडे मधुसूदन शर्मा को हराया है. जबकि, बसपा के नितिन वर्मा तीसरे नंबर रहे.

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एत्मादपुर विधानसभा में दूसरे नंबर पर रही बसपा
एत्मादपुर विधानसभा सीट से पहली बार सन 1996 में बसपा के जीपी पुष्कर विधायक बने. इसके बाद जीपी पुष्कर रालोद में चले गए और सन 2002 के चुनाव में रालोद से विधायक बने. मगर, 2007 के विधानसभा चुनाव में नरायन सिंह सुमन बसपा से जीते. सन 2012 के विधानसभा चुनाव में बसपा के डॉ. धर्मपाल सिंह विधायक बने. मगर, 2017 के ​विधानसभा चुनाव में भाजपा के राम प्रताप सिंह चौहान ने बसपा के डॉ. धर्मपाल को हराया. सन 2022 के विधानसभा चुनाव में यहां से भाजपा के डॉ. धर्मपाल ने बसपा के प्रबल प्रताप सिंह उर्फ राकेश बघेल को हराया है.

आगरा में बसपा का वोट प्रतिशत

विधानसभा
2012 2017 2022
एत्मादपुर
33.9% 31.9% 32.83 %
आगरा छावनी
32.4% 26.5% 21.61 %
आगरा दक्षिण
26.10% 26.6% 18.32 %
आगरा उत्तर
22.9% 21.26% 17.22 %
आगरा ग्रामीण
34.84% 26.04% 23.26 %
फतेहपुर सीकरी
33.09% 24.72% 24.55 %
फतेहाबाद
39.70% 16.8% 18.99 %
बाह
39.67% 30.13% 26.59 %


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