आगरा:कोरोना की तीसरी लहर का असर अब यूपी समेत पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में देखने को मिलेगा. यही वजह है कि भारत निर्वाचन आयोग ने विधानसभा चुनाव कार्यक्रम जारी करने के साथ ही कोरोना की तीसरी लहर को लेकर चुनाव प्रचार को गाइडलाइन जारी की है. निर्वाचन आयोग ने इस बार ज्यादा से ज्यादा चुनाव प्रचार डिजिटल करने के निर्देश दिए हैं. इससे अब इस विधानसभा चुनाव में नेताओं के काफिले, समर्थकों की भीड़, जनसभा, रैली और रोड शो देखने के लिए नहीं मिलेंगे. ऐसे में अब माला, मंच और माइक की जगह डिजिटल ने ले लिया है.
निर्वाचन आयोग के निर्देश के बाद सभी राजनीतिक पार्टियों ने किस तरह से डिजिटल चुनाव प्रचार की रणनीति बनाई है. इस पर ईटीवी भारत ने यूपी के विधानसभा चुनाव के प्रथम चरण को लेकर आगरा में राजनीतिक दलों के सोशल मीडिया और डिजिटल चुनाव प्रचार की रणनीति बना रहे पदाधिकारियों से खास बातचीत की. बता दें कि भारत निर्वाचन आयोग ने यूपी विधानसभा चुनाव को सात चरण में कराने के दिशा निर्देश जारी किए हैं. जिसके चलते पहले चरण में आगरा, मथुरा और अन्य जिलों में दस फरवरी को मतदान होना है. आगरा में विधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दलों के जिम्मेदार पदाधिकारियों ने डिजिटल चुनाव प्रचार की रणनीति तैयार की है. जिसमें इस बार भी यूथ के जरिए परिवार में सेंध लगाने की रणनीति बनाई गई है.
बूथ लेवल पर बांटा काम, यूथ से जोड़ने की रणनीति
भाजपा युवा मोर्चा महानगर के सोशल मीडिया प्रभारी संचित कुलश्रेष्ठ ने बताया कि इस बार चुनाव प्रचार डिजिटल हो गया है. यूपी में भाजपा 50 जिलों में डिजिटल रूम बना रही है. जिसके जरिए यूपी विधानसभा चुनाव में भाजपा 100 डिजिटल रैली आयोजित करेगी. हमने बूथ लेवल तक डिजिटल प्रचार की तैयारी की है. हमने बूथ लेवल पर काम बांट दिया है. लोगों के बूथ लेवल पर मोबाइल नंबर हमारे पास हैं. हम उनसे सीधे जनसंपर्क करेंगे. हमारी जो पांच-पांच कार्यकर्ता व पदाधिकारियों की टीमें चुनाव प्रचार के लिए मैदान में होगी. यह टीमें लाभार्थियों से मुलाकात करने के साथ-साथ घर-घर जाकर जनसंपर्क स्थापित करेगी. इतना ही नहीं जनसंपर्क करने के साथ ही ये टीम छोटे-छोटे वीडियो भी बनाएगी. जिसे सर्कुलेट किया जाएगा.
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