आगरा: ताजनगरी में ताज महोत्सव यानी इंटरनेशनल फेयर का आयोजन किया गया. देश-विदेश तक ख्याति रखने वाला यह आयोजन बड़े ही जोर-शोर से आयोजित किया गया. इस आयोजन में करीब तीन करोड़ का बजट बना. सांस्कृतिक संध्या के लिए कलाकारों पर लाखों रुपये भी खर्च किए गए, लेकिन मुक्ताकाशी मंच के सामने गिने चुने दर्शक ही शामिल हुए.
महोत्सव में नहीं पहुंचे ज्यादा दर्शक
मुक्ताकाशी मंच से प्रस्तुति देने वाले प्रसिद्ध कलाकारों को दर्शकों की दाद नहीं मिल रही है. कलाकार तालियों के लिए तरस रहे हैं, क्योंकि उनकी प्रस्तुति देखने दर्शक नहीं पहुंच रहे जिससे उन्हें कदरदान नहीं मिल रहे हैं. इस बारे में ईटीवी भारत ने प्रस्तुतियां देने आए कलाकारों से बात की तो उन्होंने कहा कि ऑडियंस बहुत कम हैं. उन्होंने कहा कि इस ओर आयोजन समिति के पदाधिकारियों को ध्यान देना चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि ताज महोत्सव के प्रचार-प्रसार में भी कमी दिखाई दे रही है.
सुबह से शाम तक होती है महोत्सव में प्रस्तुति
शिल्पग्राम में ताज महोत्सव के मुक्ताकाशी मंच से सुबह से ही सांस्कृतिक कार्यक्रम शुरू हो जाते हैं जोकि देर रात तक चलते हैं. सुबह स्थानीय कलाकार अपनी प्रस्तुतियां देते हैं और शाम को यह मंच नामचीन कलाकारों के लिए समर्पित होता है. मगर ताज महोत्सव में दर्शकों की तालियों की गड़गड़ाहट सुनने आने वाले कलाकारों को मायूसी हाथ लगी. आयोजन में कलाकारों को मंच के सामने गिने-चुने दर्शक ही दिखाई दिए.
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कलाकारों ने कम दर्शकों के आने पर रखे अपने विचार
सहारनपुर जिले से प्रस्तुतियां देने आई रंजना निभ ने बताया कि मुझे ऐसा लगता है कि ताज महोत्सव का सही तरह से प्रचार-प्रसार नहीं होता है. यह बता देने से कि फरवरी में ताज महोत्सव है, इससे दर्शक नहीं आएंगे. इसका प्रचार-प्रसार भी होना चाहिए, जिसके लिए आयोजन समिति को इस ओर ध्यान देना चाहिए. कलाकारों ने कहा कि शहर की तमाम समितियां और संगठन हैं उनसे मिलकर इस बारे में ध्यान आकर्षित करना चाहिए कि आपके शहर में इंटरनेशनल ताज महोत्सव हो रहा है, इससे हम सभी कलाकारों को कदरदान मिल सकेंगे.